ग्वालियर, न.सं.। दीपावली का त्यौहार धीरे-धीरे पास आता जा रहा है। नवदुर्गा से लगभग इस त्यौहार की शुरुआत हो जाती है और बाजारों में खरीदारी होने लगती है। दीपावली पर बिकने वाले शक्कर से बने मीठे खिलौने (हाथी, घोड़ा व गाय) और बताशों का कारोबार इस बार कोरोना से प्रभावित होता हुआ नजर आ रहा है। कोरोना के कारण खिलौने और बताशों के आर्डर दुकानदारों के पास नहीं आ रहे हैं क्योंकि कोरोना के डर से लोग इनका उपयोग करने से कतरा रहे हैं। इनको बनाने वाले कारीगरों को भी काम मिलना बंद हो गया है। अधिकतर दुकानें खाली पड़ी हुई है।
हुजरात सब्जी मण्डी से कुछ आगे मीठे खिलौने और बताशा बेचने वालों का एक छोटा सा बाजार है। यह बाजार लगभग 50 वर्ष से अधिक पुराना है। दीपावली पर बिकने के लिए इस बाजार में बड़े पैमाने पर शक्कर से बने मीठे खिलौन, करवें और बताशों आदि के आर्डर आना शुरू हो जाते हैं। लेकिन इस बार कोरोना के कारण कोई आर्डर नहीं आ रहा है। दुकानदार हाथ पर हाथ रखे हुए बैठे हैं। काम नहीं आने के कारण यह दुकानदार मुरमुरे, चना, इलाइची और बताशे आदि ही बेच रहे हैं।