सामान्य बीमारी के लिए भटक रहे मरीज, नहीं मिल रहा उपचार
कोरोना के नाम पर पिस रहे मरीज, प्रशासन भी बरत रहा लापरवाही
ग्वालियर, न.सं.। जिले में कोरोना की रोकथाम के लिए प्रशासन द्वारा भले ही तमाम प्रयास किए जा रहे हों लेकिन प्रशासन अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के साथ ही स्वास्थ्य सुविधाएं बिगाडऩे में लगा हुआ है। जिला प्रशासन के निर्देश पर शहर के शासकीय अस्पतालों को कोविड सेन्टर बना दिया गया है। जिस कारण दूसरी गंभीर बीमारियों के मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है।
जिला अस्पताल की बात करें तो यहां बी.,सी, व डी ब्लॉक के करीब 78 पलंगों को प्रशासन के निर्देश पर कोविड-19 के लिए बना दिया गया है। इसके अलावा अन्य सिर्फ 30 पलंग दूसरे मरीजों के लिए रखे गए हैं। जिसमें सिर्फ इमरजेंसी व ऑपरेशन के ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। इतना ही नहीं अस्पताल की ओपीडी भी पूरी तरह बंद कर दी गई है। इसी तरह अन्य शासकीय अस्पतालों की बात करें तो शासकीय डिस्पेंसरियों में भी अन्य बीमारी के मरीजों को लौटाया जा रहा है। जबकि जिला अस्पताल में जिले में सभी शासकीय अस्पतालों से ज्यादा मरीज पहुंचते हैं। इस संबंध में चिकित्सकों का कहना है कि प्रशासन द्वारा बिना किसी योजना के काम किया जा रहा है। जिस कारण कोरोना से ज्यादा अन्य बीमारियों से मरीज उपचार के अभाव में मर रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
दवाएं भी हो सकती हैं एक्सपायर
अस्पताल की ओपीडी व भर्ती मरीजों की संख्या घटने से अब स्टोर में रखी दवाएं भी एक्सपायर हो सकती हैं। क्योंकि जिला अस्पताल में दवाएं सप्लाई ही नहीं हो रही। इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. डी.के. शर्मा का कहना है कि प्रशासन के आदेश पर भी कोविड के लिए पलंग रिक्त किए हैं। दवाएं अगर एक्सपायर हो रहीं है तो उन्हें अन्य स्टोर को दे दी जाएंगी।
एमएलसी के लिए भी परेशान
मुरार जिला अस्पताल में गोले का मंदिर, महाराजपुरा, मुरार, सिरोल सहित अन्य थानों से पुलिसकर्मी आरोपी व फरयादी की एमएलसी कराने पहुंचते हैं। लेकिन अस्पताल के सारे चिकित्सकों की ड्यूटी कोविड में लगा दी गई है। जिस कारण दो दिन से अस्पताल में अब एमएलसी भी नहीं हो रही है। जबकि 20 दिन से अल्ट्रासाउण्ड मशीन पहले ही बंद पड़ी है। ऐसे में अब पुलिसकर्मियों को भी एमएलसी कराने के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है।
जयारोग्य की स्थिति भी खराब
इधर जयारोग्य चिकित्सालय की बात करें तो यहां की भी व्यवस्थाएं बिगडऩे लगी हैं। जिला अस्पताल सहित अन्य शासकीय अस्पतालों से मरीजों को सीधा जयारोग्य के लिए रैफर किया जा रहा है। जबकि जयारोग्य में पूर्व से ही मरीजों का अधिक भार है। इसलिए अब जयारोग्य की व्यवस्थाएं बिगडऩा शुरू हो रही है।