पेट्रोल और डीजल की बिक्री एक लाख से बढ़कर 4.5 लाख लीटर हुई
छूट का दायरा बढ़ते ही पटरी पर लौटने लगी अर्थव्यवस्था
ग्वालियर, न.सं.। कोरोना वायरस के कारण आमजन की सुरक्षा के लिए 24 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है। लॉकडाउन एक व दो के कारण शहर में वाहनों का चलना बिल्कुल ही बंद हो गया था। प्रतिमाह 7.5 लाख लीटर बिकने वाले पेट्रोल और डीजल की खपत एक लाख लीटर से भी कम हो गई थी। लॉकडाउन तीन व चार में छूट मिलने के कारण एक बार फिर से पेट्रोल और डीजल की बिक्री एक लाख लीटर से बढ़कर 4.5 लाख लीटर हो गई है। इससे लगता है कि शहर की अर्थव्यवस्था अब धीरे-धीरे पटरी पर आने लगी है और सरकार को राजस्व की भी प्राप्ति हो रही है।
उल्लेखनीय है कि सामान्य दिनों में शहर में प्रतिदिन पेट्रोल 2.5 लाख लीटर और डीजल की 5 लाख लीटर की खपत है। लॉकडाउन के दौरान वाहनों के सड़कों पर नहीं चलने के कारण यह खपत बहुत ही कम हो गई थी, जिससे तेल कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा था और वह पम्प संचालकों पर पेट्रोल और डीजल स्टोर करने का दबाव बना रही थीं। वहीं पम्प संचालकों के लिए कर्मचारियों का वेतन तक निकालना मुश्किल हो रहा था, लेकिन अब धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य होने लगा है। लॉकडाउन में और छूट मिलने के कारण यह खपत और बढऩा शुरू हो जाएगी।
तीन कंपनियों से होती है तेल की बिक्री
शहर में तीन ऑयल कंपनियां के स्टोरेज हैं। जिसमें इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम व हिंदुस्तान पेट्रोलियम कंपनियां हैं। इन कंपनियों की खास बात यह है कि इन तीनों पर बिकने वाले पेट्रोल और डीजल के भाव अलग-अलग हैं। इन तीनों में कुछ-कुछ पैसे का अंतर है।
'लॉकडाउन में राहत मिलने के बाद से पेट्रोल और डीजल की खपत बढ़ गई है। मध्यप्रदेश सरकार को चाहिए कि वह अभी पेट्रोल और डीजल पर वैट न बढ़ाए, जिससे किसानों व ट्रांसपोर्ट संचालकों को राहत मिलती रहे।
-दीपक सचेती
संरक्षक, पेट्रोल-डीजल एसोसिएशन