चुनावी माहौल में डकैतों की चौथ वसूली से पुलिस की उड़ी नींद -
गुड्डा व बैजू की तलाश में चार थानों की पुलिस जंगल में कूदी
ग्वालियर, न.सं.। विधानसभा उपचुनाव के शोर-शराबे के बीच जंगल से चौथ वसूली की खबर ने पुलिस अधिकारियों के साथ राजनेताओं को चिंता में डाल दिया है। क्योंकि डकैतों का चुनाव के दौरान देहात क्षेत्र में हमेशा से ही काफी दबदबा रहा है और उन्होंने अपने दम पर प्रत्याशियों को चुनाव जिताएं भी हैं। एक बार फिर शिवपुरी और घाटीगांव थाना क्षेत्र में गुड्डा गुर्जर और उसके साथी बैजू गुर्जर की जोड़ी ने आतंक बरपा रखा है। खदान कारोबारियों से डकैतों ने चौथ वसूली मांगी जिसके कारण खदानों पर भय का माहौल है। डकैतों को तलाश करने के लिए जिले के तीन थानों की पुलिस जंगल में उनकी तलाश में सर्चिंग अभियान चला रही है, जिसके साथ वन विभाग भी अब तलाशी में सहयोग कर रहा है।
इस समय ग्वालियर-चम्बल संभाग में चुनाव का माहौल चरम पर है और प्रत्याशी जीतने के लिए ऐंड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। ऐसे में राजस्थान के कुख्यात डकैत गुड्डा गुर्जर ने शिवपुरी और घाटीगांव थाना क्षेत्र के जंगल में अपनी दस्तक देकर पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी है। यहां गुड्डा और वर्तमान विधानसभा उपचुनाव में डकैत की भूमिका को इसलिए उजागर कर रहे हैं कि वर्ष 2003 में हुए विधानासभा चुनावों में प्रदेश ही नही देश में अपनी पहचान बना चुके दस्यु दयाराम-रामबाबू गड़रिया ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और करैरा पोहरी, भंवरपुरा, घाटीगांव, आरोन आदि क्षेत्रों में पोलिंग बूथों पर अपना प्रभाव छोड़ा था। अब एक बार फिर चुनावी माहौल में डकैत गुड्डा-बैजू के सक्रिय हो जाने पर प्रशासन आशंकित है कि कहीं गिरोह कोई बड़ी घटना न कर बैठे। गिरोह का मूवमेंट गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र घाटीगांव और भंवरपुरा थाना क्षेत्रों में देखने को मिला है। डांडा-खिरक निवासी खदान कारोबारी हरकंठ गुुर्जर के बेटों के साथ मारपीट और गोलीबारी करने के बाद चौथ वसूली के बाद प्रशासन अलर्ट है। घाटीगांव सर्किल के पनिहार, घाटीगांव व भंवरपुरा थाने का बल इन दिनों जंगल में गुड्डा गुर्जर और उसके साथी बैजू की तलाश में वन विभाग के साथ मिलकर सर्चिंग कर रहा है। लेकिन गिरोह का कोई सुराग हाहा नहीं लगा है।
रुक गया अवैध उत्खनन
पुलिस के लगातार सर्चिंग करने से इस समय अवैध उत्खनन पूरी तरह रुक गया है। पुलिस भी मजदूरों को खदानों की ओर नहीं जाने दे रही है। वहीं डकैतों की आहट से खदान कारोबारी भी भयभीत है। क्योंकि खदान कारोबारी जानते हैं कि गिरोह कभी भी उनके पास आ धमकेगा।
गिरोह की लोकेशन आसन नदी के इर्द-गिर्द
पुलिस सूत्रों का कहना है कि गिरोह इस समय चौथ वसूली के लिए बेरकरार है और उसका मूवमेंट इस समय आसन नदी के आसपास बताया गया है। जौरा के पगारा डैम पर बनी आसन नदी मुरैना और ग्वालियर की सीमा से सटी है।
गुर्जर बाहुल्य गांव एक नजर में
घाटीगांव: जखौदा, सुरेला, जखौदी, तिलावली, महुैयाखेड़ा, डांडा खिरक
भंवरपुरा: बसौटा, सिकरावली, बसई, सम्हेड़ी, खुर्दभंवरपुरा
पनिहार: झाला, पवा, पवाटा आदि गांव
तिलमिला रहा है गिरोह चंदे के लिए
गुड्डा गुर्जर उसके साथी बैजू गुर्जर पुलिस के जंगल में सर्चिंग करने से तिलमिला उठा है। खदान कारोबारियों को पुलिस ने जंगल में जाने से रोक दिया है, जिसके कारण डकैत और खदान पर काम करने वालों का आमना-सामना नहीं हो पा रहा है।पुलिस की सक्रियता से गिरोह में बौखलाहट बढ़ गई और वह लगातार चौथ वसूली के प्रयास में लगा हुआ है। कुछ खदान वाले तो उसके सम्पर्क में भी है जो उसे भेंट चढ़ा चुके हैं।
इनका कहना है.
हम जंगल में लगातार सर्चिंग कर रहे हैं, चुनाव के कारण थोड़ी सतर्कता रखना पड़ रही है। भंवरपुरा, घाटीगांव, पनिहार और आरोन थाने का बल बारी-बारी से जंगल में सर्चिग कर गिरोह को तलाश कर रहा है।
-प्रवीण अष्टाना, एसडीओपी घाटीगांव