शहर के पॉश इलाके गंदगी में, अधिकारी कागजों में करा रहे सफाई

स्वच्छता अभियान को फिर से पलीता लगा रहा निगम

Update: 2020-09-02 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। भले ही शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण में 13वीं रैक मिली हो लेकिन शहर में स्वच्छता अभियान को नगर निगम ही पलीता लगा रहा है। जगह-जगह लगे कृड़े के ढेर सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। यह गंदगी मलेरिया व अन्य खतरनाक रोगों को न्यौता दे रही हैं। वहीं सरकार के सख्त आदेशों व तमाम शिकायतों के बावजूद निगम प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है। दूसरी ओर गंदगी से शहरवासी परेशान हैं।

शहर में इन दिनों स्वास्थ्य उपायुक्त सुबह के समय सफाई कर्मचारियों की परेड कराते हैं। आज भी शहर के हर कोने में गंदगी और कूड़े का अंबार लगा है। भारी भरकम अमले के बावजूद नगर निगम शहर में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने में नाकाम साबित हो रहा है। कई स्थानों पर कूड़े से नालों को पाट दिया गया है, जिसके कारण सड़क पर गंदा पानी फैल गया है। ऐसे में लोगों का राह चलना मुश्किल हो गया है। यह स्थिति तब है जब ग्वालियर स्मार्ट सिटी में शामिल हो चुका है। शहर के वार्ड 30, 57, 65 में सफाई व्यवस्था ठप पड़ी हुई है। वहीं वार्ड 30 के सिटी सेंटर क्षेत्र में लोगों को गंदगी के बीच रहना पड़ रहा है। हालत यह हैं कि सीवर लाइन का कार्य पूरा होने के बाद सड़क खुदी हुई पड़ी है। जिसके चलते स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क खुदने के साथ-साथ वहां जलभराव के कारण गंदगी ने विशाल रूप ले लिया है। गंदगी के चलते स्थानीय लोगों में जनप्रतिनिधियों के प्रति भारी आक्रोश भरा हुआ है।

दो हजार से अधिक हैं सफाई कर्मचारी

नगर निगम की लाख कोशिशों के बावजूद भी शहर की सफाई व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। यूं तो कहने को निगम में 2000 से अधिक सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं लेकिन गंदगी से पटे कूड़े के ढेर को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि शहर के सफाई कर्मचारी निगमायुक्त के आदेशों को महत्व नहीं दे रहे हैं। जगह-जगह लगे गंदगी के ढेरों से उठती दुर्गंध ने शहरवासियों का जीना मुहाल कर दिया है। नाक पर रूमाल रखकर शहर की सड़कों से निकलते बदबू से परेशान लोग कभी निगम के अधिकारियों को तो कभी क्ष़ेत्र के जन प्रतिनिधियों को कोसते नजर आते हैं।

नालियां टूटी पड़ी है, सड़कों पर बहता है पानी

शायद ही कोई मोहल्ला ऐसा हो जहां नालियों की अच्छी स्थिति हो। हर मोहल्ले की नालियां टूटी हुई और जर्जर है। नालियों का गंदा पानी शहर में हर जगह सड़क पर बहता है। इतना ही नहीं बारिश का पानी भी आज भी सड़कों में भरा हुआ है। जिसके चलते अब घरों में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। 

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