कोरोना से निपटने कागजों में तैयारी, सैम्पल लेने किट तक नहीं उपलब्ध

दो संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट आई निगेटिव

Update: 2023-12-23 01:47 GMT

ग्वालियर, न.सं.। कोरोना के नए वैरिएंट से निपटने के लिए जहां प्रदेश भर में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी नए वैरिएंट को लेकर गम्भीर नहीं दिखाई दे रहे हैं। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में जांच व्यवस्था शुरू करना तो दूर सैम्पल लेने के लिए तक वायरल ट्रास्पोर्ट मीडिया किट (व्हीटीएम) तक उपलब्ध नहीं है।

दरअसल कोरोना के संदिग्ध मरीजों की आरटीपीसीआर पद्धती से जांच गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी लैब और मुरार जिला अस्पताल की लैब में ही उपलब्ध है। लेकिन संदिग्ध मरीजों के सैम्पल लेने के लिए उपयोग की जाने वाली व्हीटीएम किट स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अस्पताल में उपलब्ध नहीं है। जिस कारण संदिग्ध मरीजों की जांच भी सम्भव नहीं हो पा रही है। जबकि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कोरोना के संदिग्ध मरीजों के नमूने लेने का काम सिविल अस्पताल हजीरा, जिला अस्पताल, ड़बरा सिविल अस्पताल, भितरवार सहित अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों पर किया गया था।

लेकिन नए वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के किसी भी अस्पताल में सैम्पल लेने का काम अभी तक शुरू ही नहीं किया गया है। जिससे स्पष्ट है कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी नए वैरिएंट के फैलने का इंतजार करने में लगे हुए हैं। यह स्थिति तब है जब दो दिन पूर्व ही अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बैठक लेकर सभी को नए वैरिएंट से निपटने के लिए व्यवस्थाएं दुरूस्त करने के निर्देश दिए थे।

स्थानीय स्तर पर किट क्रय करने के दिए निर्देश

व्हीटीएम किट क्रय करने के लिए शासन द्वारा निर्देश भी दिए गए हैं। किट स्थानीय स्तर पर क्रय की जानी है। लेकिन अभी तक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने किटें क्रय करने के लिए कोई निर्देश ही नहीं दिए हैं।

दो संदिग्ध मरीजों की रिपोर्ट आई निगेटिव

गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में शुक्रवार को दो संदिग्ध मरीजों की जांच की गई। जांच रिपोर्ट में दोनों मरीजों को कोरोना संक्रमण नहीं निकला है।

व्यवस्थाएं परखने आज होगी मॉक ड्रिल

जयारोग्य चिकित्सालय में कोरोना को लेकर की गई व्यवस्थाओं को परखने के लिए 23 दिसम्बर की सुबह मॉक ड्रिल की जाएगी। मॉक ड्रिल के दौरान डमी मरीज को भर्ती किया जाएगा। साथ ही अन्य सारी व्यवस्थाएं देखी जाएंगी। 

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