सेना में अग्निपथ भर्ती योजना का विरोध: उपद्रवी छात्रों ने आगजनी, तोडफ़ोड़, पथराव, चक्काजाम

पुलिस ने छोड़े अश्रु गैस के गोले, किया लाठीचार्च

Update: 2022-06-17 01:40 GMT

ग्वालियर, न.सं.। केंद्र सरकार की सेना भर्ती अग्निपथ योजना का देशभर में विरोध हो रहा है। बिहार से निकली चिंगारी मध्यप्रदेश के ग्वालियर तक पहुंच गई है। गोला का मंदिर पर उपद्रवी छात्रों ने चक्काजाम तोडफोड़ कर पुलिस पर पथराव किया। तो वहीं सेना भर्ती की तैयारी कर रहे सैकड़ों उपद्रवी छात्रों ने रेलवे स्टेशन पहुंच गए। यहां पर ट्रेन पर पथराव कर दिया कुर्सियां तोडक़र ट्रेक पर फेंक दी। बिरला नगर स्टेशन पर भी जमकर हंगामा करते हुए उपद्रवियों ने पंखे तोड़ दिए कुर्सियों को तोडक़र ट्रेक पर फेंककर आग लगा दी। पांच घंटे से भी ज्यादा समय तक उपद्रवियों ने शहर में जमकर बवाल काटा। पुलिस ने कुछ स्थानों पर अश्रुगैस के गोले छोडक़र उपद्रवियों को खदेड़ा। पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा उपद्रवियों को पकडक़र पूछताछ की जा रही है।

गुुरुवार को गोला का मंदिर चौराहा पर दोपहर बारह बजे के करीब सेना की भर्ती की तैयारी कर रहे सैकड़ों की एकत्रित हो गए। छात्रों ने चौराहे पर सेना में अग्निपथ भर्ती योजना का विरोध करते हुए नारेबाजी करना शुरु कर दी। छात्रों के हंगामे और चक्काजाम की सूचना मिलते ही भारी संख्या में पुलिस अधिकारी व बल पहुंच गया। उपद्रवी छात्रों ने यहां पर पुतला दहन करते हुए दो दर्जन से ज्यादा वाहनों पर पथराव कर तोडफ़ोड़ कर दी। सडक़ किनारे लगी रैलिंग डिवाइडर और खम्बों तक उखाडक़र फेंक दिया। छात्रों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इसके बाद तो शहर के रेलवे स्टेशन पर भी सैकड़ों उपद्रवी छात्र जमा हो गए और उन्होंने कुर्सिंया पंखे उखाडक़र पटरी पर फेंक दिए और आग लगा दी। स्टेशन पर बनी प्याऊ से नल उखाडक़र फेंक दिए। उपद्रवियों ने समता एक्सप्रेस पर पथराव कर कांच तोड़ डाले। पथराव में एक दर्जन से ज्यादा यात्री घायल हो गए। तो वहीं यार्ड में खड़ी एक दर्जन गाडिय़ों को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाकर तोडफ़ोड़ कर आग लगाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने आग पर काबू पाकर बड़ी घटना को टाल दिया। इसके अलावा बिरला नगर स्टेशन रेलवे स्टेशन पर भी उपद्रवी छात्रों ने जमकर बवाल किया। उपद्रवियों ने यात्रियों के लिए कुर्सिंयों को उखाडक़र ट्रेक पर फेंक दिया। हाथों में लोहे और लकडिय़ों के डंडे लिए उपद्रवियों ने पंखे तोड़ दिए और जो सामान ट्रेक पर फेंका उसमें आग लगा दी। तीन स्थानों पांच घंटे से भी ज्यादा समय तक शहर में तोडफ़ोड़ आगजनी, पथराव और हंगामे के कारण यातायात प्रभावित रहा। पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा उपद्रवियों को पकड़ा है जिनसे पूछताछ कर उनके द्वारा योजनाबद्ध ढंग से किए गए प्रदर्शन के बारे में पूछताछ की जा रही है।

इंटेलीजेंस फेल, भंडारे के बहाने जमा हुए उपद्रवी

पुलिस का खुफिया विभाग पूरी तरह फेल हो गया जबकि उपद्रवी छात्रों द्वारा सोशल मीडिया पर समूह बनाकर भंडारे के बहाने शहर को आग लगाने की योजना दो दिन पहले से ही तैयारी की जा रही थी। उपद्रवियों को उकसाने के लिए ग्रुप में बकायदा लिखा गया है कि जो भंडारे में नहीं आएगा वह सेना की भर्ती देखने व शामिल भी नहीं हो। जिसमें सैकड़ों युवा उपद्रव में आने के मैसेज कर रहे थे।

2014 का उपद्रव याद आया, दुकानें हुई बंद

उपद्रवी छात्रों के तेवर देखकर लोगों को सेना भर्ती-2014 में हुआ उपद्रव का सीन याद आ गया है। तब ग्वालियर के मेला ग्राउंड में सेना भर्ती के दौरान हुए विवाद के बाद करीब 25 से ज्यादा गाडिय़ां जला दी गईं थी। एक करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति की तोडफ़ोड़ की गई थी। गुरुवार को हंगामा होते ही लोग दहशत में आ गए हैं। पूरा स्टेशन बजारिया, गोला का मंदिर, मुरार बाजार बंद कर व्यापारी दुकान के अंदर ही खुद को बंद कर बैठे गए।

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