एसी कोच में भी यात्रियों को मिलेगी ताजी हवा, एसी यूनिट का होगा उपयोग

Update: 2020-09-17 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। ट्रेन के एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए एक अच्छी खबर है। एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को अब ताजी हवा मिलेगी। इसकी शुरुआत भी रेलवे ने कर दी है। एसी कोच में सामान्य वातावरण की अपेक्षा ऑक्सीजन का लेवल कम रहता है। वर्तमान में ट्रेनों के एक एसी कोच में ऑक्सीजन का इनटेक 0.25 घनमीटर प्रति व्यक्ति रहता है जबकि कूलिंग के लिए अलग से तापमान सेट किया जाता है। उत्तर मध्य रेलवे प्रत्येक एसी कोच में ऑक्सीजन लेवल को 0.10 घनमीटर प्रति व्यक्ति बढ़ा रहा है। जिसके बाद अब ट्रेनों के एसी कोच में ऑक्सीजन का लेवल 0.35 घनमीटर प्रति व्यक्ति हो जाएगा। कोविड संक्रमण को देखते हुए उत्तर मध्य रेलवे सभी ट्रेनों में यह सुविधा इसी सप्ताह से शुरू कर देगा। दरअसल कोच को ठंडा करने के लिए कोच की छत पर एसी यूनिट लगाया जाता है। इस यूनिट में एक डक्ट होती है जिसके माध्यम से कोच के अंदर की हवा को बाहर निकालने और बाहर की ताजी हवा को अंदर पहुंचाने की अलग-अलग व्यवस्था होती है। एसी यूनिट से कोच के अंदर ताजी हवा पहुंचाने के लिए डक्ट को जितना अधिक खोला जाएगा, ऑक्सीजन लेवल उतना बढ़ा जाएगा।

इनका कहना है

यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को परेशानी न हो इसके लिए अब यात्रियों को ताजी हवा भी एसी कोच में मिलेगी। इसके लिए रेलवे ने शुरू कर दी है।

मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, झांसी

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