समाज के लिए अभिशाप है प्यारे मियां जैसे लोग,फास्ट ट्रैक कोर्ट करें सुनवाई

Update: 2020-07-29 09:52 GMT

ग्वालियर, न.सं.। प्रदेश की राजधानी भोपाल में सरकार की नाक के नीचे भ्रष्ट अधिकारियों और राजनेताओं की छत्रछाया में चल रहा है प्यारे मियां के घिनौने कृत्य का खुलासा होने के बाद जिसने भी प्यारे मियां की करतूत सुनी वह सुनकर दंग रह गया। शहर के प्रबुद्धजनों ने पत्रकारिता जैसे पवित्र पेशे की आड़ में प्यारे मियां के द्वारा बालिकाओं के साथ किए गए शोषण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि नाबालिक लड़कियों के साथ घिनौना कार्य करने वाले प्यारे मियां जैसे समाज के दुश्मनों को उनके द्वारा किए गए कृत्यों की तुरंत सजा के लिए इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होना चाहिए। जिससे अपराधी को तुरंत सजा मिले। अपराधी कानूनी दांवपेच का उपयोग कर निर्भया मामले की तरह इस मामले को ही ना लटका सके। कई महिलाओं ने कहा है कि इस मामले की तुरंत जांच कराई जाए। प्यारे मियां को जिन नेताओं और अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त था जिससे उन लोगों को भी कड़ी से कड़ी सजा मिले।

प्यारे मियां जैसे दरिंदे समाज के लिए हैं नासूर

सिर्फ एक प्यारे मियां की बात नहीं है न जाने कितने प्यारे मियां जैसे लोग मासूमों के जीवन से खिलवाड़ करते रहे होंगे। हमारे भारतीय समाज में दूसरों की बहनों और बेटियों को भी अपनी बहन बेटी समझा जाता है। भय से ही कहीं यह सोचते थे कि जो दूसरों साथ करेंगे वह हमारे साथ भी हो सकता है। आधुनिक परंपरा ने हमारे अंदर से वह भय खत्म कर दिया है।

-नीलम जगदीश गुप्ता,संस्थापिका, संस्कार मंजरी ग्वालियर

दरिदें को दें मौत की सजा

प्यारे मियां जैसे दरिंदों को सिर्फ और सिर्फ मौत की सजा देना चाहिए। निर्भया मामले जैसा विलंब नहीं होना चाहिए। ऐसे मामलों में न्याय तुरंत होना चाहिए। क्योंकि न्यायव्यवस्था में देरी होने से यह अपने आकाओं की दम पर राजनीतिक संरक्षण, पुलिस की मिली भगत, प्रशासनिक ढील पोल की वजह से छूट जाएंगे। केवल इनको ही नहीं बल्कि इनके सहयोगियों को भी उतनी ही सजा देनी चाहिए।

-आशा सिंह, प्रान्त महिला प्रमुख, अभा ग्राहक पंचायत मध्य भारत

सभ्य समाज के लिए गंदा चेहरा हैं ऐसे हैवान

ऐसे लोग हमारे सभ्य समाज का बहुत ही गंदा चेहरा है। ऐसे हैवान को इंसान कहना इंसानियत के मुंह पर तमाचा है। ऐसे कृत्य की जितनी भी निंदा की जाए वो कम ही है। इनके कारण ही हमारी बेटियां स्वयं को असुरक्षित महसूस करती हैं। मैं सरकार से ये मांग करती हूं ऐसे व्यक्ति को कड़ी से कड़ी सजा दे जो आने वाले समय के लिए एक उदाहरण बन सके।

-शकुंतला परिहार,सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड 

अपराधियों को मिले उचित दंड

ऐसे लोग हमारे सभ्य समाज को दूषित करते हैं। मेरे समझ से इन्हेें इतना पनपने दिया यही बड़ी बात है। इन्हें इनके अपराध के लिए उचित दंड तो मिलना ही चाहिए साथ ही आर्थिक दंड भी दिया जाना चाहिए। वर्तमान में नाबालिग बच्चियों के साथ दुराचार की घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं।

डॉ. प्रतिभा चतुर्वेदी,फिजियोलॉजीकल काउंसलर

Tags:    

Similar News