गर्भपात की शिकायत पर महिला चिकित्सक के घर छापा, नहीं मिले ठोस सबूत

फिर आमने-सामने आए चिकित्सक व प्रशासन

Update: 2020-07-31 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। जिले में चल रहे अवैध लिंग परीक्षण व गर्भपात कराने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इसी के चलते गुरुवार को शिकायत प्राप्त होने पर जिला प्रशासन ने टीम बना कर एक महिला चिकित्सक का स्ट्रिंग ऑपरेशन कराया। लेकिन इस बार भी प्रशासन के हाथ कोई ठोस सबूत नहीं लगे और एक बार फिर से चिकित्सक और प्रशासन आमने-सामने आ गए हैं।

जिला प्रशासन के पास लगातार शिकायतें पहुंच रहीं थीं कि माधव डिस्पेंसरी के सामने स्थित बंशी की बगिया में बनी एक मल्टी में फ्लैट नम्बर 101 निवासी डॉ. रीता कुशवाह के यहां अवैध रूप से लिंग परीक्षण, भू्रण हत्या व गर्भपात कराया जाता है। इस पर जांच के लिए एक दल गठित किया गया। दल में एसडीएम एच.बी. शर्मा, पीसीपीएनडीटी की नोडल अधिकारी डॉ. सृष्टि भगत, बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नोडल अधिकारी शालीन शर्मा सहित अन्य को शामिल किया गया। टीम ने एक गर्भवती महिला को दलाल राजेन्द्र कुशवाह के माध्यम से महिला चिकित्सक के निवास पर भेजा गया। जहां भू्रण लिंग चिकित्सीय समापन के लिए पैसों का लेन-देन भी किया गया। इसी बीच एसडीएम व पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई और आरोपी राजेन्द्र कुशवाह को पैसों के साथ रंगे हाथों पकड़ लिया।

इसके बाद महिला चिकित्सक तथा आरोपी व स्टिंग में गई महिलाओं के मौके पर बयान दर्ज किए गए। इतना ही नहीं टीम ने महिला चिकित्सक व डिकॉय महिला के बीच हुई बातचीत की गोपनीय रिकार्डिंग भी कराई है। हलांकि इस पूरे अवैध काम के लिए लेनदेन महिला चिकित्सक के घर पर ही होता था। इसलिए मौके से कोई सामग्री व अभिलेख बरामद नहीं किया जा सका। इसलिए प्रशासन ने पास के अस्पताल व भवन में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में एसडीएम श्री शर्मा का कहना है कि प्रकरण में परिवाद पृथक से तैयार कर स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी कमलाराजा अस्पताल से जुड़ी एक महिला चिकित्सक के यहां भी प्रशासन ने कार्रवाई की थी। लेकिन सबूत न मिलने के कारण प्रशासन को चिकित्सकों के आगे झुकना पड़ा था।

गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय से हैं चिकित्सक दम्पत्ति

इस मामले में सबसे बड़ी बात तो यह है कि दोनों चिकित्सक दम्पत्ति गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय में ही पदस्थ हैं। महिला चिकित्सक के पति सर्जरी विभाग के असिस्टेन्ट प्रोफेसर डॉ. नवीन कुशवाह हैं। जबकि महिला चिकित्सक महाविद्यालय के एनाटॉमी विभाग में पदस्थ हैं।

डॉ. सुनील अग्रवाल ने उठाए सवाल

इधर प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सुनील अग्रवाल ने सवाल खड़े कर दिए हैं। डॉ. अग्रवाल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि प्रशासन को कन्या भू्रण हत्या रोकने के लिए इस तरह के स्वरचित चिकित्सकों के विरुध जाल नहीं रचना चाहिए। प्रशासन अगर किसी भी असल मरीज के साथ कन्या भ्रूण हत्या होने अथवा पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कोई भी चिकित्सक गैर कानूनी कार्य करता है, तब आईएमए और एमटीए ग्वालियर प्रशासन की कार्यवाही का स्वागत करेगा। लेकिन स्वरचित इस प्रकार के चिकित्सकों के विरुद्ध मायाजाल रचने और स्टिंग ऑपरेशन करने के प्रशासन की कार्यवाही का सख्त विरोध करता है। इस प्रकार की प्रशासन की कार्यवाही से समाज में चिकित्सकों की वर्षों से बनाई छवि धूमिल होती है।

इकना कहना है

चिकित्सक के यहां से टीम को कार्रवाई के दौरान साक्ष्य मिले हैं। अगर कोई चिकित्सक शिकायत करते हैं तो मामले की जांच कराई जाएगी।

कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ,जिलाधीश, ग्वालियर 

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