रेलवे ने कहा था बिल नहीं तो खाना फ्री, स्टॉल संचालक नहीं देते बिल

पेंट्रीकार में सादे बॉक्स में दिया जा रहा है खाना, 10 रुपए की कॉफी मिल रही है 15 रुपए में

Update: 2020-10-31 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। रेलवे ने ट्रेनों के संचालन के साथ ही पुरानी बिल नहीं, खाद्य सामग्री मुफ्त योजना को एक माह पहले ही लागू कर दिया है। इसमें रेलवे स्टेशन पर मिलने वाली चाय, बिस्किट, पानी की बोतल सहित अन्य सामान का बिल कैंटीन संचालक को देना होगा। लेकिन स्टेशन पर सामान खरीदने पर यात्रियों को किसी भी प्रकार का बिल नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं जब यात्रियों द्वारा बिल की मांग की जाती है तो स्टॉल पर मौजूद वेंडर रसीद कट्टे न होने की बात कहते हैं।

यहां बता दें कि लॉकडाउन से पहले ही रेल मंत्री ने यात्रियों को तय दरों से ज्यादा दर पर सामान बेचे जाने की लगातार मिल रही शिकायतों के बाद यह कदम उठाया था। इसका मकसद यह है कि यात्रियों को सामान का बिल ठीक ढंग से मिल सके। उन्होंने न सिर्फ स्टेशन बल्कि आगे चलकर रेल गाडिय़ों में भी कैंटीन से आपूर्ति होने वाले सामान या चलते-फिरते सामान बेचने वालों से भी बिल प्रक्रिया लागू करने की बात कही थी। लॉकडाउन के कारण ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया। लेकिन जून माह से ट्रेनों का संचालन शुरू होते ही रेलवे अधिकारियों ने इस योजना को फिर से लागू किया था। लेकिन स्टेशन के साथ पेंट्रीकार में भी इसका पालन नहीं किया जा रहा है। शुक्रवार को स्वदेश संवाददाता दोपहर चार बजे ग्वालियर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म क्रमांक एक पर पहुंचा, जहां कुछ ही देर में नई दिल्ली से त्रिवेन्द्ररम की ओर जाने वाली केरला एक्सप्रेस प्लेटफार्म क्रमांक एक पर पहुंची व संवाददाता ने पेंट्रीकार में जाकर यह जानने का प्रयास किया कि यात्रियों को किस राशि में खाना परोसा जा रहा है। पैंट्रीकार में मौजूद कर्मचारी ने बताया कि पैक खाना 100 रुपए में बेच रहे हैं।  

वेंडर ने कहा, 100 रुपए का शाकाहारी खाना

केरला एक्सप्रेस की पेंट्रीकार में शुक्रवार को पेंट्रीकार में तैनात वेंडर से जब शाकाहारी भोजन के बरे में पूछा गया कि शाकाहारी भोजन के क्या दाम है। जिस पर वेंडर ने कहा कि 100 रुपए। वहीं जब मांसाहारी भोजन के बारे में वेंडर से पूछा तो वेंडर ने कहा कि अंडे के साथ आपको 150 रुपए की थाली मिलेगी। लेकिन झांसी के बाद।

ये मिल रहा है बिना बिल के यात्रियों को

प्लेटफार्म के साथ-साथ ट्रेनों में मौजूद यात्रियों के पैक खाना, बिरयानी, पुड़ी सब्जी, चाय, कॉफी।

पेंट्रीकार वाली ट्रेनों में हो रहा है खेल

- चाय और काफी के दाम तो तय हैं, लेकिन प्याले का कोई पैमाना नहीं। छोटे से छोटे डिस्पोजल में कमाई।

- अगर खाना बासी निकले तो शिकायत का मौका ही नहीं। लंच बॉक्स सादे डिब्बे में, न बिल का पता।  

- खानपान की चीजों के लिए जारी रेट लिस्ट का पता नहीं।

इनका कहना है

अगर कोई यात्री शिकायत करता है तो इस नियम को फॉलो किया जाएगा। अगर किसी यात्री को बिल नहीं मिल रहा है तो उसे मुफ्त में खाना दिया जाएगा।

-मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, झांसी रेलवे मंडल

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