गेट टु गेदर और चाय-नाश्ते तक सिमटकर रह गई एसआईजी, आज भी स्टेशन पर सीवर व भिखारियों का जमावड़ा

पुरानी मीटिंग में आई कमियां नहीं सुधारीं

Update: 2024-02-07 01:15 GMT

ग्वालियर। रेलवे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं में बढ़ोतरी और उनमें सुधार के लिए महीने में दो बार होने वाली स्टेशन इंप्रूवमेंट ग्रुप (एसआईजी) की बैठक अब सिर्फ दिखावा साबित हो रही है। यह बैठक अब यात्री सुविधाओं के बजाय गेट टुगेदर और चाय-नाश्ते तक सिमटकर रह गई है। बैठक में सामने आने वाली कमियों को पूरा करने के बजाय अधिकारी सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं। यही कारण है कि पिछली बैठक में सामने आईं कमियां आज तक दूर नहीं हो पाई हैं। हालत यह है कि स्टेशन के बाहर जहां सीवर बह रहा है, वहीं सुुबह से रात तक स्टेशन पर भिखारियों का जमावड़़ा रहहता है। इनको हटाने के बजाए अब अधिकारी आपस में ही बहस करने लगे है। हालत यह है कि रात के समय स्टेशन परिसर दीवार के पास आग जलाकर भिखारी बैठतते है और तो और रात्रि 12 बजे के बाद ये सब परिसर के अंदर सोते है।

बता दे कि बैठक में इंजीनियरिंग, वाणिज्य, इलेक्ट्रिकल, ऑपरेटिंग व आरपीएफ के प्रमुख अधिकारी शामिल होते हैं। स्टेशन पर जो सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं, उनकी निगरानी भी लचर हो गई है। प्रयागराज व झांसी के अधिकारी के आने पर ही स्थानीय अधिकारी स्टेशन की कमियों को दूर करते हैं, ताकि वरिष्ठ अधिकारियों की निगाह उन पर न पड़े। वर्तमान में स्थिति यह है कि स्टेशन पर रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए वाटर एटीएम मशीन लगाई थीं, लेकिन पुर्नविकास के कारण चालू ही नहीं हो पा रही है। प्लेटफार्म क्रमांक एक व तीन पर लगे एस्केलेटर आए दिन खराब होते रहते हैं। स्टेशन पर कई जगह टाइल्स टूटी पड़ी हैं, लेकिन अधिकारियों के आने पर ही इन्हें बदला जाता है। स्टेशन पर अवैध वेंडरों द्वारा रात के समय बाहर के होटलों से खाने की सप्लाई की जाती है, लेकिन अधिकारी इनको रोक नहीं पा रहे हैं। इसके अलावा सबसे बड़ी समस्या स्टेशन का प्रवेश द्वार है, जिसके बोर्ड को अलग-अलग हिस्से जोडक़र बनाया गया है।

क्या है एसआइजी

एसआइजी यानि स्टेशन इम्प्रूवमेंट कमेटी। यह रेलवे के प्रमुख विभागों की एक संयुक्त कमेटी है। कमेटी से जुड़े अधिकारी स्टेशन पर यात्री सुविधाओं पर नजर रखते हैं। कमेटी में स्टेशन डायरेक्टर के अलावा स्टेशन मैनेजर, बिजली, पानी, बुकिंग साफ-सफाई एवं यात्री सुरक्षा से जुड़े अधिकारी शामिल हैं। प्रत्येक 15 दिनों में बैठक करने का प्रावधान बनाया गया है। बैठक में स्टेशन पर यात्री सुविधाओं की बात रखी जाती है।

समय पर कोई भी अधिकारी नहीं आते

मंगलवार को भी एसआईजी की बैठक का आयोजन किया गया। लेकिन कोई भी अधिकारी इस बैठक में समय पर शामिल ही नहीं हुए। एक बजे के बाद अधिककारी कक्ष से बाहर निकलकर तीन बजे तक निरीक्षण करते नजर आए। लेकिन निरीक्षण में पाई गई कमियों को ठीक नहीं किया गया। 

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