जुलाई के अंतिम दिनों में भी तेज बारिश की उम्मीद नहीं
अगस्त के पहले सप्ताह में हो सकती है अच्छी बारिश
ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर-चम्बल अंचल से मानसून इस बार रूठा हुआ नजर आ रहा है। अंचल के अधिकांश क्षेत्रों में इस बार अपेक्षा से काफी कम बारिश हुई है, जिससे उमस भरी गर्मी से जहां लोग परेशान हैं वहीं खरीफ फसलों की बोवनी कर चुके किसान भी हैरान हैं। बारिश के अभाव में उनकी फसलें सूखने की आशंका बढ़ गई है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि जुलाई के शेष बचे पांच दिनों में भी ज्यादा बारिश की उम्मीद नहीं है, लेकिन मौसम विज्ञानी अगस्त के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश की उम्मीद जता रहे हैं।
भोपाल के सेवानिवृत्त मुख्य मौसम विज्ञानी डी.पी. दुबे ने बताया कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पश्चिमी भाग में बने ऊपरी हवाओं के चक्रवात से ग्वालियर-चम्बल में अच्छी बारिश की उम्मीद थी। संभावना यह थी कि यह चक्रवात एक दिन दक्षिण-पश्चिमी मध्यप्रदेश, दूसरे दिन ग्वालियर-चम्बल और तीसरे दिन राजस्थान के जयपुर सहित आसपास के इलाकों में झमाझम बारिश करेगा, लेकिन यह चक्रवात बड़ी तेजी से ग्वालियर और जयपुर के पास से होता हुआ कमजोर होकर अरब सागर में पहुंच गया। अब फिलहाल ऐसा कोई सिस्टम नहीं है, जिससे झमाझम बारिश की उम्मीद की जा सके। हालांकि दक्षिण पश्चिमी हवाओं के साथ अरब सागर से नमी आ रही है, जिससे बादलों की आवा-जाही बनी रहेगी, जिससे कहीं-कहीं हल्की-फुल्की बारिश हो सकती है।
30 को आंध्र तट पर बनेगा कम दबाव का क्षेत्र
श्री दुबे का कहना है कि इस बार बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में एक भी मजबूत मानसूनी सिस्टम नहीं बना। इसी कारण कई क्षेत्रों में मानूसन कमजोर रहा। यदि अगस्त में भी कोई मजबूत सिस्टम नहीं बना तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। हालांकि 30 से 31 जुलाई के आसपास आंध्र तट पर कम दबाव का क्षेत्र बनने के संकेत मिल रहे हैं। यदि यह सिस्टम मजबूत स्थिति में आगे बढ़ा तो अगस्त के पहले सप्ताह में अच्छी बारिश हो सकती है।
द्रोणिका उत्तर की ओर आई तो कल हो सकती है तेज बारिश
स्थानीय मौसम विज्ञानी सी.के. उपाध्याय का कहना है कि हवाएं दक्षिण-पश्चिम से आ रही हैं, जिससे नमी आ रही है। रविवार को भी चार से छह किलो मीटर प्रति घंटे की गति से दक्षिण-पश्चिमी हवाएं चलीं। इसके साथ ही इस समय मानसूनी द्रोणिका ग्वालियर से दक्षिण में गुना-शिवपुरी के पास से गुजर रही है। अगले 24 से 48 घंटों में यह उत्तर की ओर बढ़ेगी। द्रोणिका यदि उत्तर की ओर आगे बढ़ी तो 28 जुलाई को ग्वालियर व चम्बल अंचल में तेज बारिश हो सकती है। इसके बाद अगले दो से तीन दिनों तक हल्की-फुल्की बारिश होती रहेगी।
एक सप्ताह से 35 से 36 डिग्री के बीच टिका है तापमान
अपेक्षित बारिश नहीं होने से पिछले एक सप्ताह से अधिकतम तापमान 35 से 36 डिग्री सेल्सियस के बीच टिका हुआ है। रविवार को भी अधिकतम तापमान 35.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 2.3 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह भी औसत से 0.8 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आज हवा में नमी सुबह 80 और शाम को 62 प्रतिशत दर्ज की गई।