कल आ सकते हैं बादल, हो सकती है बारिश, अंचल में बारिश हुई तो तेज गति से बढ़ेगी ठंड

Update: 2020-10-12 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। रबी फसलों की बोवनी की तैयारी कर रहे ग्वालियर-चम्बल अंचल के किसानों के लिए अच्छी खबर है। बंगाल की खाड़ी में आंध्रा तट पर बने डिप्रेशन (गहरे अवसाद) के प्रभाव से 14 व 15 अक्टूबर को बादल छाए रहने के साथ बारिश भी हो सकती है। मौसम विभाग का यह पूर्वानुमान यदि सही साबित हुआ तो असिंचित कृषि भूमि में प्राकृतिक रूप से पलेवा हो जाएगा, जिससे किसानों को रबी फसलों की बोवनी करने में आसानी हो जाएगी। इसके साथ ही ठंड भी तेजी से बढ़ेगी।

भोपाल के सेवानिवृत्त मुख्य मौसम विज्ञानी डी.पी. दुबे ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में दिन व रात के तापमान में कुछ कमी आई है, जिससे रात में ठंडक बढ़ी है, जबकि दिन में अभी भी गर्मी का असर बना हुआ है। इसका मुख्य कारण इन दिनों नमी लेकर आ रहीं पूर्वी हवाएं हैं। इसके अलावा वायु मंडल में उत्तरी और पूर्वी हवाएं आपस में टकरा रही हैं, जिससे कनवर्जन जोन बन गया है, जिससे आसमान में आंशिक बादल छाए हुए हैं। इस बजह से तापमान स्थिर बना हुआ है। श्री दुबे ने बताया कि इस समय बंगाल की खाड़ी में आंध्रा तट के पास एक डिप्रेशन बना हुआ है, जो 14 व 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र और गुजरात के मध्य में पहुंचेगा। यह सिस्टम दक्षिणी मध्यप्रदेश को भी स्पर्श करेगा, इसलिए इसका असर ग्वालियर-चम्बल अंचल में भी नजर आएगा, जिससे बारिश होने की संभावना बनी हुई है। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम का असर समाप्त होने के बाद उत्तरी हवाएं आना शुरू हो जाएंगी, जिससे तापमान में तेजी से कमी आएगी और ठंड का असर बढ़ेगा।

18 से 19 डिग्री के बीच टिका न्यूनतम तापमान

नमी युक्त पूर्वी हवाएं चलने से पिछले कुछ दिनों से न्यूनतम तापमान 18 से 19 डिग्री सेल्सियस के बीच ही झूल रहा है। रविवार को भी न्यूनतम तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 0.9 डिग्री सेल्सियस कम है, जबकि न्यूनतम तापमान 35.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आज सुबह हवा में नमी 74 प्रतिशत दर्ज की गई, जो सामान्य से 11 प्रतिशत अधिक है, जबकि शाम को हवा में नमी 57 प्रतिशत दर्ज की गई। यह भी सामान्य से 9 प्रतिशत अधिक है।

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