शहर की सड़कों पर गड्ढे, धूल फेफड़ों को खराब कर रही
नहीं हो रहा मिट्टी का भराव, गहरे हुए गड्ढे
ग्वालियर,न.सं.। बाहर ही नहीं शहर के भीतरी सड़कों के हालात लंबे समय से खराब थी, लेकिन इन दिनों शहर के विभिन्न क्षेत्रों में चल रही अमृत योजना के कारण अब लोग जिम्मेदार अधिकारियों को कोस रहे हैं। हालत यह है कि धुल के गुब्बार से बचने के लिए अब लोग रुमाल से मुंह और नाक बंद करके निकल रहे है। तो कुछ खराब सड़कों पर व्यवस्था को कोसते नजर आ रहे हैं।
यह हालत उन मार्गों की है, जहां पर नगर निगम आनन-फानन में अमृत योजना के तहत सीवर और पानी की पाइप लाइन के लिए खुदाई कर रही है। अच्छी सड़कों को खोदकर पाइप डालकर ठेकेदार ने मिट्टी भरकर छोड़ दिया है, जबकि खुदाई स्थल को पहले की तरह पक्का किया जाना जरूरी होता है। बीते कई माह से नई सड़क से हनुमान चौराहे तक पूरी सड़क खुदी पड़ी है। अमृत योजना के तहत सीवर पाइप-लाइन डालने का काम इतनी तेजी से किया जा रहा है कि अब ठेकेदार बिना पानी के ही गड्ढो को भर रहे हंै। कार्य के दौरान ठेकेदारी फर्म को 9 मीटर गहरी पाइप लाइन डालने के बाद मिट्टी भराव के साथ हर मीटर पर पानी छिड़काव करना था, लेकिन ठेकेदारी फर्म ने खर्च कम करने के चलते पानी डालने के कार्य में शुरू से अनदेखी की और मौके पर पाइप डालने हुए सीधे मिट्टी भर रहे हैं।
बारिश हुई तो फिर बिगड़ेंगे हालात
शहर में अमृत योजना के तहत डाली जा रही सीवर लाइन का काम नगर निगम और ठेकेदारों की मिली भगत से हो रहा है। जिन क्षेत्रों में अमृत योजना के तहत लाइन डाली जा रही है, वहां पर गड्ढे भरने के दौरान पानी का बिल्कुल भी उपयोग नहीं हो रहा है। गहरे गड्डे करने के बाद सबसे ज्यादा हालात खराब कुछ दिनों पहले हुई बारिश से हो चुकी है। लेकिन अगर फिर से बारिश हुई, तो हालात और बिगड़ेंगे। क्योंकि पानी सूखी मिट्टी में जाकर मिट्टी को गिला करेगा और वो बैठ जाएगी। उसके बाद सड़कों पर 2 से3 मीटर तक गहरे गड्ढे होंगे और तब निगम को ठेकेदार की अनदेखी पर सुधार के लिए लाखों रूपये की राशि खर्च करनी होगी।
गड्ढों के जर्क से घट रही हड्डियों की उम्र
चिकित्सकों की मानें तो कि गड्ढों के जर्क से हड्डियों की उम्र कम घट रही है। बाइक के पहिए गड्ढों पर पड़ते ही रीढ़ की हड्डियों पर जर्क पड़ता है। इससे हड्डियों के बीच मौजूद डिस्क व इससे जुड़ी नसों को नुकसान पहुंचता है। जिससे हड्डियों कमजोर और कमर व पीठ में दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। हड्डियों में यह शिकायत पहले 60 से अधिक उम्र में शुरू होती थी, जो अब घटकर 35 से 40 साल हो गई है।