चुनाव बाद बदली प्रत्याशियों की दिनचर्या, कोई आराम फरमा रहा तो कोई दांवपेंच लगाने में जुटा

Update: 2022-07-08 07:41 GMT

ग्वालियर,न.सं.। मतदान खत्म होने के साथ ही प्रत्याशियों ने राहत की सांस ली है। बीते 20 दिन से लगातार दिन-रात प्रचार अभियान, नुक्कड़ सभाओं, रैलियों, पदयात्राओं, रोड शो में जुटे प्रत्याशियों ने परिवार के साथ फुर्सत के पल बिताए और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर शुक्रिया अदा किया।महापौर पद की तीनों प्रमुख महिला उम्मीदवार गृहणी हैं, जो मतदान होने के बाद बुधवार से चूल्हा चौका संभालते हुए पूरा दिन घर के कामकाज में व्यवस्त रहीं। वहीं कई महिला प्रत्याशियों के पति अपने समर्थकों के साथ अपनी जीत गणित लगाते रहे।

शहर में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर 3 जून को आदर्श आचार संहिता लगी थी। 16 जून को नाम वापसी के अंतिम दिन प्रत्याशियों ने नाम वापस लिए इसी दिन दोनों ही प्रमुख दलों ने अपने प्रत्याशियों के नाम भी घोषित किए। इसी के साथ महापौर पद के लिए चुनाव लडऩे का मन बना चुके सात प्रत्याशी मैदान में उतरे थे। 17 जून से ही इन्होंने चुनाव प्रचार के लिए कमर कस ली थी। दिन-रात एक करके प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार कर अपनी जीत तय करने का प्रयास किया। महिला सीट होने के कारण महिला प्रत्याशी मैदान में थी। जिन्होंने अपने घर का चूल्हा-चौका और सारी जिम्मेदारी छोडक़र जीतने के लिए भरपूर प्रयास किए।

महिला प्रत्याशियों की जिंदगी लौटी पटरी पर

मतदान के बाद गुरूवार को सभी महिला प्रत्याशियों की जिंदगी पटरी पर लौटी आई। चुनावी थकान नहीं उतरने के बाद भी इन्होंने अपनी जिम्मेदारी संभाली। किचिन में पहुंच खाना बनाने से लेकर अचार डालने तक का काम इन प्रत्याशियों ने किया। सुबह-सुबह के समय सभी प्रत्याशी थकान उतार रही थीं। तो कोई अपने परिवार के लिए चाय-नाश्ता बना रही थीं। तो कोई बच्चों को समय दे रहा। धीरे-धीरे सभी प्रत्याशियों की जिंदगी पटरी पर लौट रही है। इनमें से कुछ प्रत्याशी पहली बार चुनावी मैदान में थी। तो कुछ पहले भी चुनाव लड़ चुकी थीं। प्रत्याशियों का कहना है कि चुनाव तो पूरे हो चुके हैं, लेकिन परिणाम को लेकर बैचेनी है। जिस तरह से मेहनत की है। उस हिसाब से दो लग रहा है कि जीत मिल ही जाएगी। लेकिन वोटरों की मंशा क्या है। यह तो चुनाव आने के बाद ही पता चलेगा।

रोज की तरह उठकर परिवार के बिताया दिन

पद की प्रत्याशी सुमन शर्मा ने कहा कि उनका दैनिक नित्य क्रम नहीं टूटा है। वे गुरूवार को भी सुबह रोज की तरह ही उठीं और दैनिक कार्य के बाद घर पर आए मायके पक्ष के लोगों को सुबह ही निकलना था इसलिए उन्हें विदा किया। इसके बाद परिवार के साथ समय बिताया। दोपहर बाद कार्यकर्ताओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। सुमन शर्मा ने कहा कि पार्टी के वरिष्ठ नेता भी फोन पर चर्चा कर करते रहे। उन्होंने कहा कि भाजपा मेरा परिवार है, जब परिवार किसी की देखरेख करता है तो उसे किसी प्रकार की कोई चिंता नहीं होती है।

दो घंटे देरी से उठी, चिकित्सक को दिखाया

कांग्रेस से महापौर पद की प्रत्याशी डॉ. शोभा सिकरवार ने 25 दिन तक सुबह से शाम तक जनसंपर्क किया। बुधवार को मतदान होने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली। वहीं गुरूवार को सुबह 7 बजे उठी। गुरुवार की सुबह सात बजे उठने के बाद स्नानकर सबसे पहले उन्होंने सभी क लिए चाय बनाई। उसके बाद पति विधायक डॉ. सतीश सिकरवार के साथ मांढरे की माता के दर्शन करने पहुंचीं, बाद में बदले स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने चिकित्सक को दिखाया।

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