आरपीएफ और सीआईबी की टिकट दलालों पर पैनी नजर

एनसीआर ने जनवरी से अगस्त तक 157 दलालों को पकड़ा

Update: 2020-09-19 01:00 GMT

ग्वालियर,न.सं.। साइबर कैफे और ट्रैवल्स एजेंसी की आड़ में रेलवे ई-टिकट का अवैध धंधा भी खूब चल रहा है। संचालक अवैध और फर्जी आईडी पर टिकट काट रहे हैं। हाल के महीनों में पकड़े गए साइबर संचालकों के पास ऐसे कई फर्जी दस्तावेज मिले हैं। फर्जी दस्तावेज के आधार पर व्यापक मात्रा में ई-टिकट काटते है। अब ऐसे संचालकों पर सीधी नजर रखी जा रही है। रेलवे सुरक्षा बल और सीआइबी (अपराध अनुसंधान शाखा) इनसे निपटने के लिए विशेष रणनीति तैयार की है। संचालकों की सूची बना रही है। वहीं सिविल ड्रेस में टीम को निगरानी के लिए सतर्क किया गया है।

दरअसल एक आईडी पर सिर्फ दस ई-टिकट महीने में काटी जा सकती है। लेकिन संचालक हर दिन लगभग दो दर्जन से अधिक ई-टिकट की बुकिंग करता है। जो रेलवे अधिनियम के खिलाफ है। वहीं रेल सुरक्षा बल ने जनवरी से अगस्त तक 157 टिकट दलालों को गिरफ्तार कर 97,79,799 रुपए के 7584 टिकट बरामद किए है। साथ ही 10,926 अपराधियों से लगभग 51 हजार रुपए का जुर्माना भी वसूल किया है। यहां बता दें कि कोविड स्पेशल ट्रेनों में भीड़ बढऩे के साथ ही लंबी दूरी की ट्रेनों के तत्काल टिकट की मुंहमांगी कीमत जरूरतमंद यात्री देने को मजबूर हैं। इसका पूरा फायदा रेल टिकट की कालाबाजारी में लगे सदस्य उठा रहे हैं। स्लीपर का कंफर्म टिकट दोगुने दाम से ज्यादा पर मिल रहे हैं। वहीं, एसी क्लास की टिकटों पर एक हजार से ज्यादा ली जा रही है। जिन्हें जरूरी यात्रा करना है वो तो सीधे एजेंट से ही संपर्क कर टिकटें ले रहे हैं। एजेंट जिसके नाम से टिकट काटी गई उसके नाम से पहचान पत्र भी बनाकर दे रहे हैं। पहचान पत्र का शुल्क अलग से देना पड़ता है।

नए सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल

सूत्रों की मानें तो ई-तत्काल टिकट काटने में विभिन्न साइट का इस्तेमाल कर रहे हैं। इस वेबसाइट की खासियत यह है कि इससे तत्काल काटने में किसी तरह का झंझट नहीं होता है। इससे फटाफट टिकटें कट जा ती है। नई तकनीक का इस्तेमाल कर आइआरसीटीसी की साइट को हैक कर लेते हैं। ऐसे में तत्काल समय में साइट धीमा हो जाता है। इस कारण आम लोगों का ई-तत्काल टिकट नहीं कट पाते हैं। यह प्रक्रिया दस बजे से एसी क्लास और ग्यारह बजे स्लीपर क्लास में लागू होता है। एसी और स्लीपर क्लास के टिकट काटे जाने के समय से दस मिनट बाद ही दूसरे लोगों को ई-टिकट काटते हैं। तब तक तत्काल की सारी सीटें फुल हो जाती है।

350 से अधिक खोए बच्चों को बचाया आरपीएफ ने

उत्तर मध्य रेलवे के रेल सुरक्षा बल ने अन्य रेलवे कर्मचारियों की सहायता से लगभग 350 से अधिक खोए हुए बच्चों को बचाया और उन्हें उनके परिवारों के साथ मिलवाया। वहीं नशे और प्रतिबंधित सामग्रियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए तस्करी में शामिल 33 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

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