टिकट दलाली का खेल नहीं होगा, नजर रखने के लिए बनी टीम
फर्जी आइडी से टिकट बुक करने वाले दलालों पर आरपीएफ की नजर
ग्वालियर,न.सं.। साइबर कैफे व ट्रेवल एजेंसी की आड़ में टिकट दलाली का धंधा करने वालों पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) की नजर है। इस कड़ी में आरपीएफ की विशेष टीम बनाकर निगरानी कराई जा रही है। इसके साथ ही मुखबिरों को सतर्क कर दिया गया है। आरपीएफ कमाडेंट जेतिन बी राज का कहना है कि रेल टिकट बुक करने के नाम पर दलाली का खेल नहीं होने दिया जाएगा, जो लोग फर्जी आइडी बनाकर ई-टिकट दिलाने के नाम पर धंधा करते हैं उन सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
शहर में साइबर कैफे और ट्रेवल एजेंसी चलाने वाले कुछ लोग कारोबार की आड़ में आईआरसीटीसी की साइट पर फर्जी आइडी बनाते हैं और टिकट दलाली का काला धंधा करते हैं। तत्काल कंफर्म टिकट दिलाने के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूली जाती है। आमतौर पर प्रत्येक टिकट पर 500 से 1000 हजार रुपए ज्यादा लेते हैं। इसके अलावा त्यौहारी सीजन में लोगों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए टिकट दलाल दो हजार रुपए भी ज्यादा वसूलते हैं। रेल टिकट दिलाने के नाम पर हो रही दलाली प्रथा पर रोक लगाने के लिए ग्वालियर आरपीएफ ने जवानों की एक विशेष टीम बनाई है। यह टीम साइबर कैफे, ट्रेवल एजेंसी व अन्य कारोबार की आड़ में टिकट दलाली का धंधा करने वालों की निगरानी कर रही है। इसी कड़ी में पिछले दिनों साइबर कैफे की आड़ में टिकट दलाली का धंधा करने वाले एक युवक को दबोचा गया था। उसके पास से करीब 10 तत्काल कंफर्म टिकट भी बरामद किए गए थे।
इसलिए बरती जा रही है ज्यादा सक्रियता
आगामी 14 नवम्बर दीवाली व 20 को छठ पर्व हैं। ऐसे में लोगों के पहले से टिकट बुक कराने के चलते अभी से ही नई-दिल्ली-भोपाल मार्ग की तरफ जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें फुल हो गई हैं। इनमें जीटी एक्सप्रेस, भोपाल एक्सप्रेस, सचखंड एक्सप्रेस, गोंडवाना एक्सप्रेस, समता एक्सप्रेस, केरला एक्सप्रेस, मंगला एक्सप्रेस समेत ज्यादा ट्रेनों में सीटें फुल हो गई हैं। अब लोगों के पास तत्काल टिकट लेना ही एकमात्र चारा बचा है। ऐसे में फर्जी आइडी से तत्काल कंफर्म टिकट दिलाने वाले दलालों का सक्रिय होना जहिर सी बात है। इसी कड़ी में आरपीएफ ने अभी से विशेष सक्रियता बरतनी शुरू कर दी है।
इनका कहना है
फर्जी आईडी बनाकर टिकट दलाली पर धंधा करने वालों पर आरपीएफ की विशेष नजर है। ऐसे सभी दलालों पर शिकंजा कस सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा।
आनंद स्वरूप पांडे, आरपीएफ निरीक्षक