आईपीएस जैन के लिए आसान नहीं परिवहन आयुक्त की कुर्सी
'महल', मंत्री या मुख्यमंत्री, तय करनी होगी प्राथमिकता
भोपाल, विशेष संवाददाता। पुलिस मुख्यालय अटेच किए गए एडीजी वी. मधुकुमार के स्थान पर मप्र के परिवहन आयुक्त बनाए गए वरिष्ठ आईपीएस मुकेश कुमार जैन बुधवार को ग्वालियर स्थित विभागीय मुख्यालय पर ही कार्यभार संभालेंगे। लेकिन ग्वालियर 'महल' की निकटता के चलते उन्हें सहज ही मिली यह कुर्सी वर्तमान राजनीतिक हालातों में उनके लिए कितनी आसान या जटिल होगी, यह तो आगामी एक-दो माह में पता चल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि नव नियुक्त परिवहन आयुक्त श्री जैन की नियुक्ति ग्वालियर 'महल' की अनुशंसा पर मानी जा रही है। राज्य के परिवहन आयुक्त का पद पिछली सभी सरकारों में महत्वपूर्ण समझा जाता रहा है तथा पूर्व मुख्यमंत्रियों ने यह विभाग या तो स्वयं अपनी देखरेख में रखा अथवा अथवा अपने करीबी मंत्री को सौंपा। लेकिन कमलनाथ सरकार में भी और वर्तमान शिवराज सरकार में भी यह विभाग सिंधिया समर्थक पूर्व विधायक गोविंद सिंह राजपूत के पास है। ऐसी स्थिति में परिवहन आयुक्त के लिए सत्ता के तीनों ही केन्द्र बिन्दु 'महल', मंत्री और मुख्यमंत्री महत्वपूर्ण होंगे। उन्हें जहां 'महल' की अपेक्षाओं पर खरा उतरना होगा, वहीं मंत्री और मुख्यमंत्री के आदेशों की आव्हेलना भी वे नहीं कर सकेंगे। ऐसी स्थिति में निश्चित ही उनके लिए अनेक बाद उलझन की स्थिति बनेगी। हालांकि श्री जैन भारतीय पुलिस सेवा के सुलझे हुए अधिकारी कहे जाते हैं। देखना है कि जिस तरह राष्ट्रीय राजधानी में रहते हुए उन्होंने विभिन्न दायित्वों को कुशलता से निर्वहन किया है, वर्तमान राजनीतिक परस्थितियों में वे परिवहन आयुक्त के पद पर भी उस कुसलता का प्रदर्शन कर सकेंगे।
मुख्यालय पर बैठेंगे नए परिवहन आयुक्त?
परिवहन विभाग का राज्य मुख्यालय ग्वालियर में है, लेकिन विगत करीब एक दशक से यह विभाग राजधानी केन्द्रित हो गया है। पूर्व परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने ग्वालियर स्थित विभागीय मुख्यालय को कैंप कार्यालय की तरह माह-दो माह में एक बार प्रवास के दौरान उपयोग किया तथा भोपाल स्थित कैंप कार्यालय से ही मुख्यालय संचालित किया। तो वी. मधुकुमार ने तो कार्यभार भी भोपाल स्थित कैंप कार्यालय में ग्रहण किया। इस तरह अलग-अलग स्थानों से शिकायतें लेकर पहुंचने वाले ट्रांसपोर्टर अथवा अन्य पीडि़त ग्वालियर स्थित मुख्यालय पर फोन और चक्कर लगाते रहे, लेकिन बाबू स्तर पर उनकी समस्याओं की सुनवाई तक नहीं हो सकी। लेकिन नवागत परिवहन आयुक्त मुकेश कुमार जैन ग्वालियर स्थित मुख्यालय पर कार्यभार ग्रहण कर अपने नए दायित्वों की शुरूआत करने जा रहे हैं। समझा जा रहा है कि वे ग्वालियर स्थित मुख्यालय में अधिक समय देंगे तथा राजधानी अथवा कैंप कार्यालय पर वे आवश्यकता अनुसार ही प्रवास करेंगे।
विभाग में थम सकेगी अवैध वसूली और रिश्वतखोरी?
परिवहन चैक पोस्टों पर लम्बे समय से जारी अवैध वसूली और विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की पदस्थापनाओं को लेकर रिश्वतखोरी पर नवागत परिवहन आयुक्त पूरी तरह विराम लगा सकेंगे, इसकी संभावना न के बराबर है। क्योंकि परिवहन आयुक्त की कुर्सी पर नियुक्ति के लिए अधिकारियों में जोर आजमाइश के पीछे कहीं न कहीं यही अनियमितताएं और सरकार में बैठे लोगों की महत्वाकांक्षाएं हैं। अब देखना होगा कि नए परिवहन आयुक्त सरकार में बैठे लोगों की महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति करेंगे अथवा परिवहन चैक पोस्टों पर सख्ती कर वाहन मालिकों को राहत दे पाएंगे।
नवागत परिवहन आयुक्त मुकेश जैन आज संभालेंगे कार्यभार
मध्यप्रदेश के नव नियुक्त परिवहन आयुक्त, भारतीय पुलिस सेवा के 1989 बैच के वरिष्ठ अधिकारी मुकेश कुमार जैन बुधवार को ग्वालियर स्थित परिवहन विभाग के मुख्यालय पहुंचकर कार्यभार ग्रहण करेंगे। श्री जैन ने 'स्वदेश' से फोन पर हुई चर्चा में इसकी पुष्टि की। उल्लेखनीय है कि वीडियो वायरल होने के बाद परिवहन आयुक्त के पद से हटाए गए वी. मधुकुमार के स्थान पर शासन ने सोमवार को श्री जैन को परिवहन आयुक्त नियुक्त किया है। श्री जैन इससे पहले मप्र भवन, नई दिल्ली में विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी के पद पर पदस्थ थे।