ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। जैसा कि पहले से ही लग रहा था कि भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए डॉ सतीश सिंह सिकरवार को कांग्रेस द्वारा ग्वालियर पूर्व से टिकट दिया जाएगा, यह सही साबित हुआ। यद्यपि इसके पहले 12 सितंबर को जारी हुई कांग्रेस की सूची में उनका नाम नहीं था। किंतु रविवार को जारी 12 नामों की सूची में ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार को प्रत्याशी घोषित किया गया है। जिससे अब उनका मुकाबला कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल से होगा। यानीकि दोनों ही प्रत्याशी दल बदल कर चुनाव मैदान में आमने-सामने होंगे।
उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल, राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में पहले ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। भले ही भाजपा ने अभी तक उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशियों की अधिकृत घोषणा नहीं की है। किंतु यह तय है कि ग्वालियर पूर्व से भाजपा के प्रत्याशी मुन्नालाल गोयल की होंगे। इस तरह पिछले चुनाव में यह दोनों प्रत्याशी दूसरे दलों मुन्नालाल गोयल कांग्रेस और सतीश सिंह सिकरवार भारतीय जनता पार्टी से आमने-सामने थे। जिसमें श्री गोयल ने डॉ सिकरवार को लगभग 18 हजार मतों से पराजित किया था। किंतु बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों में दोनों ही नेताओं ने अपने-अपने दलों से किनारा करते हुए नए दल अपना लिए हैं। नए दलों ने भी दोनों को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। इस तरह यह मुकाबला दलबदलू प्रत्याशियों के बीच होगा। ऐसे में जनता के लिए कई बड़े सवाल हैं कि वह व्यक्ति को मत दे, दल को दे अथवा मुद्दों को सामने रखे।
मुन्ना जुटे हैं छह माह से
मार्च 2020 में सिंधिया के साथ दल बदलने वाले मुन्नालाल गोयल कोरोनाकाल से ही अपने पक्ष में जनसंपर्क करने में लगे हुए हैं। उनके द्वारा लॉकडाउन में जनता के बीच जाकर खाद्य सामग्री, भोजन,मास्क आदि वितरित किए गए। इसी तरह उस समय भाजपा में ही रहते डॉ सिकरवार द्वारा भी पिछड़ी और दलित बस्तियों में सेवा कार्य किए गए।
सिकरवार हुए कांग्रेस के
डॉ सिकरवार की मन में विधायक बनने की इच्छा जागृत हुई तो 8 सितंबर को भोपाल जाकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के समक्ष उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ले ली। इसके बाद से ही वह ग्वालियर पूर्व में लगातार अपने प्रचार में जनसंपर्क कर रहे हैं।
इन्हें लगा झटका डॉक्टर सिकरवार के कांग्रेस में शामिल होने और अब ग्वालियर पूर्व से टिकट मिलने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं को झटका लगा है, जो ग्वालियर पूर्व से दावेदारी कर रहे थे। इनमें पूर्व मंत्री बालेंदु शुक्ल, वरिष्ठ नेता चंद्रमोहन नागोरी, शहर अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, युवा राष्ट्रीय सचिव मितेंद्र दर्शन सिंह सहित दो दर्जन नेता शामिल हैं।
जनता मेरे साथ हैः सिकरवार
टिकट मिलने के बाद डॉ सिकरवार ने चर्चा में कहा कि कांग्रेस ने उन पर भरोसा जताया इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं अन्य राजनेताओं का आभार। उनका प्रचार अभियान एवं गली मोहल्लों में सभाएं चल रही हैं। जनता पूरी तरह उनके साथ है। पिछली बार जो धोखा हुआ, वह इस बार नहीं होगा, क्योंकि कांग्रेस की नीति रीति जनता से जुड़ी हुई है।इस बार हमारा मुकाबला सामंतवादी विचारधारा के खिलाफ है।
पांच साल इंतजार करना थाः गोयल
पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल कहते हैं कि डॉ सिकरवार और उनके परिवार को भारतीय जनता पार्टी ने काफी मान सम्मान दिया। उनके पिता और भाई विधायक रहे। उन्हें टिकट दिया, फिर भी उनका इस तरह भाजपा छोड़ना किसी की समझ नहीं आया। उन्हें पांच साल इंतजार करना था। उन्होंने कहा कि हम तो हमेशा जनता के बीच रहते हैं, उनसे हमारा मतों का रिश्ता नहीं पारिवारिक है, इसलिए जनता पर हमें पूरा भरोसा है।