ग्वालियर। भाजपा नेता एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विजयादशमी के अवसर पर गोरखी स्थित देवघर पहुंचकर पूजा -अर्चना की। इस दौरान सिंधिया ने शै पोषक में नजर आये एवं पूरे वक्त मास्क पहने रखा।
विजयादशमी के अवसर पर सिंधिया ने परंपरा अनुसार अपने कुल मंदिर देवघर पहुचकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद कुलदेवी मांढरे की माता के मंदिर पहुंचकर दर्शन किये। इस अवसर पर सिंधिया राजपरिवार के शाही प्रतीकों, ध्वज एवं शस्त्रों का पूजन भी किया। इसके बाद सभी को दशहरा की शुभकामनाएं दी. बता दें की सिंधिया राजवंश की परंपरा अनुसार विजयादशमी के अवसर पर सिंधिया परिवार के मुखिया कुल देवी-देवता और शाही शस्त्रों एवं प्रतीकों का पूजन करते है।
रियासत काल में होता था भव्य आयोजन-
रियासत काल में विजयदशमी के अवसर पर महल में हथियारों के साथ बक़ायदा हाथी घोड़ों और बैलो तक की पूजा होती थी। इसके बाद राजपरिवार के सभी सदस्य अपनी कुलदेवी मांढरे की माता पर जाकर शमी पूजन करते थे। मान्यतानुसार शमी के पेड की पत्तियों को सोना माना जाता है। मांढरे की माता मन्दिर परिसर में शमी के पेड़ की पूजा होती है। इसके बाद महल में मराठा सरदारों और पुराने राजपरिवारों के वंशज मुख्य आयोजन में शामिल होते थे। जिसमें सभी सिंधिया परिवार को सोना देते एवं अभि दान करते है। ये परंपरा सदियों से चली आ रही है। वर्तमान में सिंधिया परिवार के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया इस पूजन में शामिल होते है एवं राजपुरोहित के साथ पूजा करते है।