ग्वालियर, न.सं.। कांग्रेस पार्टी ने जमीनों के मुद्दे को लेकर फिर से सिंधिया परिवार पर हमला बोला है। कांग्रेस के प्रदेश मीडिया प्रभारी केके मिश्रा एवं प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष मुरारीलाल दुबे ने सिंधिया परिवार पर निरंतर लगाए जा रहे विभिन्न भूमि घोटालों की श्रृंखला के चौथे हमले में अपने वफादार श्वान की समाधि की भूमि को भी अवैध रूप से बेच दिए जाने का गंभीर आरोप लगाया है।
पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि सिंधिया परिवार को वफादरी शब्द से ही कितनी नफरत है उसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस परिवार ने अपने वफादार श्वान की मौत के बाद बनवाई गई उसकी समाधि को भी बेच खाया। अपने इस आरोप को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यह समाधि ग्राम महलगांव तहसील ग्वालियर के सर्वे क्र. 916 रकवा .293 (1 बीघा 8 बिस्वा) 1996 तक राजस्व अभिलेखों में राजस्व विभाग, कदीम, आबादी, पटोर नजूल के तौर पर दर्ज थी। 1996 के पश्चात् कूटरचित दस्तावेजों के माध्यम से अवैधानिक तरीकों से तहसीलदार, ग्वालियर द्वारा बिना किसी वैधानिक आवेदन, बिना किसी प्रकरण दायर किए और शासन का पक्ष सुने स्व. माधवराव सिंधिया के नाम पर नामांतरित कर दी गई। इस अवैध कार्य में तत्कालीन तहसीलदार ने उच्च न्यायालय ने आठ सितम्बर 1981 के एक आदेश की भी अनुचित/अवैधानिक व्याख्या का दुरुपयोग किया। इस नामांतरण के बाद श्रीमती माधवीराजे सिंधिया ने अपने पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया व पुत्री चित्रांगदाराजे की सहमति के साथ इस भूमि का विक्रय कर दिया।