LNIPE में दीक्षांत समारोह में बचे सात दिन, विद्यार्थी पंजीयन में नहीं दिखा रहे रूचि
अतिथियों के नाम भी नहीं हुए तय;
ग्वालियर/सिटी रिपोर्टर। प्रभारी कुलपलि व कुलसचिव के भरोसे भले ही इतिहास में पहली बार एलएनआईपीई का दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है। वहीं दीक्षांत के महज सात दिन ही शेष बचे हुए हैं। उसके बाद भी एलएनआईपी के जिम्मेदार न तो अतिथियों के नाम तय करा पाया और न ही आमंत्रण पत्र छापे गए। इतना ही नहीं दीक्षांत में उपाधि लेने वाले विद्यार्थी भी रूचि नहीं दिखा रहे हैं। यही कारण है कि अभी सिर्फ 150 के करीब विद्यार्थियों ने उपाधि के लिए अपने पंजीयन कराए हैं।
दरअसल देश के प्रतिष्ठित लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान में वर्ष 2017 में दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया था। इसके बाद दीक्षांत समारोह मई 2022 में आयोजित किया जाना था। लेकिन उस समय स्थाई कुलपति न होने सहित अन्य कारणों के चलते दीक्षांत समारोह टाल दिया गया। लेकिन 6 जून को फिर से प्रभारियों के भरोसे दीक्षांत समारोह आयोजित किए जाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। लेकिन दीक्षांत समारोह में अतिथियों के रूप में कौन-कौन शामिल होंगे। यह अभी तक तय ही नहीं हो सका है। इतना ही नहीं दीक्षांत को लेकर आमंत्रण पत्र भी नहीं छपवाए गए हैं। उधर उपाधि लेने वाले पूर्व विद्यार्थियों की बात करें तो वह भी दीक्षांत में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। इसलिए वर्तमान में महज 150 के करीब विद्यार्थियों ने ही उपाधि लेने के लिए संस्थान में अपना पंजीयन कराया है। नाम न छापने की शर्त पर एक पूर्व छात्र का कहना है कि संस्थान के लम्बे समय से स्थाई कुलपति न होने से जहां शैक्षणिक स्तर लगातार गिरता रहा रहा है। वहीं अब आनन-फानन में दीक्षांत समारोह आयोजित किया जा रहा है, जिस कारण कई विद्यार्थी कार्यक्रम में शामिल ही नहीं हो पा रहे हैं। क्योंकि इतनी जल्दी वह आने में असमर्थ हैं। इसी तरह एक छात्र का कहना है कि दीक्षांत सामोराह सिर्फ केन्द्रीय मंत्री के निजी कार्यक्रम को लेकर रखा गया है, इसलिए वह दीक्षांत में शामिल नहीं होंगे।
दो घंटे में कार्यक्रम कराने की तैयारी
वर्ष 2017 के बाद होने दीक्षांत समारोह में करीब डेढ़ हजार से अधिक पूर्व विद्यार्थियों को उपाधि वितरित की जानी है। इसके अलावा कई विद्यार्थियों को पदक भी वितरित किए जाएंगे। ऐसे में दो घंटे के कार्यक्रम में यह कैसे सम्भव हो पाएगा। इसका जबाव खुद संस्थान के जिम्मेदारों के पास नहीं है। सूत्रों का कहना है कि दीक्षांत समारोह के लिए कम से कम तीन घंटे का समय लगता है। लेकिन केन्द्रीय मंत्री के निर्देश पर ही कार्यक्रम को दो घंटे में करने का तय किया गया है।