शिवपुरी से ग्वालियर के बीच 124 किमी विद्युतीकरण का काम पूरा, 130 किमी की दूरी घटेगी
रेल सेफ्टी सतर्कता आयुक्त ने स्पेशल ट्रेन से किया निरीक्षण
ग्वालियर,न.सं.। शिवपुरी से ग्वालियर के बीच रेलवे लाइन का विद्युतीकरण का निर्धारित समय सीमा में भले ही खत्म नहीं हो पाया था। लेकिन वर्तमान में इस रेल मार्ग पर द्युतीकरण का काम पूरा कर लिया है। शायद यही कारण है कि बीते रोज पश्चिमी क्षेत्र के रेल सेफ्टी सतर्कता आयुक्त अरविन्द कुमार जैन ने शिवपुरी से ग्वालियर के बीच हुए विद्युतीकरण का निरीक्षण आठ कोच की विशेष स्पेशल ट्रेन से किया। इस दौरान उन्होंने रेलवे लाइन का निरीक्षण करने के बाद जो खामियां सामने आई हैं उनको दुरुस्त करने के निर्देश् संबंधित अधिकारियों को दिए है। बताया जा रहा है कि श्री जैन अब रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट देंगे। यहां बता दे कि गुना-ग्वालियर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का काम गुना से प्रारंभ हुआ। पहले चरण में गुना से बदरवास, फिर बदरवास से शिवपुरी तक मई 2019 में काम पूरा हो गया। इलेक्ट्रिक इंजन से लाइन की जांच भी कर ली गई।
पश्चिम मध्य रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक अजय विजयवर्गीय 27 अप्रैल 2019 को डीआरएम उदय बोरवणकर के साथ गुना-शिवपुरी रेल मार्ग का निरीक्षण किया था। तब यह बतया गया था कि शिवपुरी से ग्वालियर तक विद्युतीकरण का काम दिसंबर 2019 तक खत्म हो जाएगा। लेकिन यह काम समय समीमा में खत्म नहीं हो पाया।
मेल एक्सप्रेस ट्रेनों की 130 किमी की दूरी कम होगी
ग्वालियर से गुना तक विद्युतीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है। इस पर मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से जब ट्रेनों का संचालन होगा, तो यात्रियों को काफी सुविधा होगी। ग्वालियर, झांसी और बीना से गुना होते हुए मेल एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती हैं। लंबी दूरी की इन ट्रेनों की दूरी कम करने रेलवे विभाग पहले से योजना बना रहा है। ग्वालियर से होकर मेल एक्सप्रेस गाडिय़ां निकालने पर 130 किमी दूरी का सीधा अंतर आएगा। यानी ग्वालियर के लोगों को फायदा होगा। इंदौर जाना हो या फिर मुंबई या फिर गुजरात, गाडिय़ां सीधे उपलब्ध होंगी। इससे लोगों को सुविधा होगी।
रेलवे और यात्रियों को होंगे फायदे
1. डीजल की बचत- डीजल इंजन बंद होने से डीजल की खपत बंद हो जाएगी। इलेक्ट्रिक इंजन की तुलना में डीजल की ज्यादा खपत होती है। रेलवे को लाइट सस्ती और डीजल मंहगा पड़ता है।
2. समय की बचत- ग्वालियर और गुना में डीजल लोको पर इलेक्ट्रिक की जगह डीजल इंजन बदलने पड़ते थे, जिसमें 40 से 45 मिनट का वक्त लगता था। एक ही इंजन लगेगा और रनिंग में सीधे तौर पर डेढ़ घंटे का अंतर आएगा।
3. गति 10 प्रतिशत बढ़ेगी- डीजल इंजन की तुलना में इलेक्ट्रिक इंजन की गति ज्यादा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार अब स्पीड 10 प्रतिशत बढ़ जाएगी। मंजिल तक पहुंचने में यात्रियों पहले से कम समय लगेगा और सफर छोटा हो जाएगा।
ये गाडिय़ा गुजर सकती है
साबरमती, देहरादून, जम्मू तवी ट्रेन, मालवा एक्सप्रेस सहित अन्य ट्रेने ग्वालियर-शिवपुरी से होकर निकाली जा सकती हैं। अभी यह ट्रेन बीना, गुना होकर जाती हैं। दूरी कम करने के लिए रेलवे पहले से योजना बना रहा था। वहीं माल गाडिय़ां भी बढ़ेंगी और व्यापारियों को सामान मंगाना और भेजना आसान होगा।