सैनिक पति 500 किमी दूर, भूखंड के लिए पत्नी खा रही दर-दर की ठोकरें
बिल्डर ने किया निर्माण, न्यायालय के स्थगन को भी नहीं माना
ग्वालियर, न.सं.। अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करने वाले सेना के जवानों के साहस को जहां देशवासी उन्हें सम्मान देकर उनका मनोबल बढ़ाते हैं, वहीं अपने परिवार से दूर रहने वाले इन सैनिकों के सामने कई परेशानियां आती हैं। उसके बाद भी वह अपनी ड्यूटी पूरी जांबाजी के साथ निभाते है। ऐसे में सीमा की रक्षा में लगे सैनिकों के परिजनों को कई बार बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला अजमेर में तैनात एक सैनिक की पत्नी का है। जिन्होंनें गहने बेचकर वर्ष 2011 में शताब्दी पुरम फेज टू के पी ब्लॉक में एक भूखंड खरीदकर रजिस्ट्री कराई थी। किंतु भू-माफिया की नजर इस भूखंड पर पड़ गई तो उन्होंने सैनिक की पत्नी को भी नहीं छोड़ा और उस पर कब्जा कर निर्माण कार्य शुरु कर दिया। अब सैनिक की पत्नी नगर निगम, जीडीए और अन्य विभागों के बड़े अधिकारियों के यहां चक्कर लगा रही है। साथ ही निर्माण कार्य रोकने के लिए न्यायालय से स्थगन भी लिया, किंतु बिल्डर द्वारा लगातार निर्माण किए जाने से अब सैनिक की पत्नी आत्महत्या के लिए बाध्य हो रही है।
जानकारी के मुताबिक ग्वालियर विकास प्राधिकरण की शताब्दीपुरम योजना फेस क्रमांक 2 ब्लॉक पी में 20 भूखंडों में से एक भूखंड रूपादेवी पत्नी अभिलाख सिंह तोमर निवासी मुरार द्वारा मुकेश शर्मा से खरीदा था। ग्राम दीनारपुर मुरार की सर्वे क्रमांक 39/1 जो कि भूमि स्वामी मुकेश शर्मा पुत्र ओम प्रकाश शर्मा निवासी कोटावाला के नाम दर्ज है, यह भूमि जीडीए की शताब्दिपुरम योजना के अंतर्गत ब्लॉक पी में आती है, जिसमें भूखंड क्रमांक 354, 362, 343, 371, 375, 363, 367, 333, 290, 301आदि हैं। पूर्व में इस भूमि में मुकेश शर्मा द्वारा कई भूखंड क्रय किए गए हैं, जिसमें से कुछ भूखंड शिकायतकर्ताओं के भी होकर विवादास्पद है। शिकायतकर्ता में अवध बिहारी शर्मा, मनीश जादौन, नीरज शर्मा और श्रीमती रूपादेवी के नाम शामिल हैं। इन लोगों ने जिला न्यायालय में अपील की थी कि जब तक प्राधिकरण की भूमि का मौके पर बटांकन नहीं हो जाता तब तक मुकेश शर्मा व जीडीए किसी प्रकार का अनुबंध न करें और न ही भूखंड आवंटित हो। इसके बावजूद शर्मा द्वारा जीडीए के अधिकारियों से सांठ-गांठकर 5 अक्टूबर 2018 को अनुबंध संपादित कर लिया गया है। साथ ही एक नवंबर 2018 को सहमति के आधार पर भूखंड आवंटन पत्र जीडीए द्वारा पत्र क्रमांक 4104 के जरिए जारी कर दिया है। जबकि प्रार्थीगण की अपील न्यायालय में एमसीए/154/2017 के तहत विचाराधीन है। जिसमें अवध बिहारी शर्मा, मनीष जादौन व नीरज शर्मा को यथास्थिति के आदेश जारी हुए हैं। किंतु बटांकन व सीमांकन तो हुआ नहीं बल्कि मौके पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। जबकि आवेदकों की भूमि का बंटवारा इसी भूमि से होना है। पूर्व में जीडीए के कार्यपालन अधिकारी व जिलाधीशको जनसुनवाई में आवेदन देकर अपने भूखंडों पर किसी तरह के निर्माण न करने का आवेदन दिया था। किंतु जीडीए के ही कुछ लोग भू माफियाओं को संरक्षण देकर यह निर्माण कार्य करा रहे हैं।
प्लॉट की जगह बना दिया मकान
सैनिक अभिलाख सिंह की पत्नी रूपा तोमर अपने प्लॉट पर पहुंची तो वहां देखा कि उनके प्लॉट पर एक बिल्डर राजेश तोमर ने कब्जा कर वहां पाटौर बना ली है और उसे अपना बताने लगा। अपने प्लॉट पर दूसरे का कब्जा देखकर रूपा तोमर परेशान हो गई और अपने पति को इसकी सूचना दी। इसके बाद रूपा तोमर ने अपने प्लॉट का कब्जा पाने के लिए पुलिस तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी गुहार लगाई लेकिन आज तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। एक और रूपा का पति जहां देश की सेवा में लगा हुआ है। वहीं इस सैनिक की पत्नी अपने जीवन भर की कमाई लगाकर खरीदे गए प्लॉट को पाने के लिए दर-दर भटक रही है।
गहने गिरवी रखकर खरीदा था भूखंड
रूपा देवी तोमर ने बताया कि वर्ष 2011 में गहने गिरवी रखकर आठ लाख में भूखंड खरीदा था। सोमवार को गोले का मंदिर उपनिरीक्षक के कार्यालय के बाहर आंखों मं आंसू लिए रूपा देवी ने कहा कि अगर उन्हें भूखंड नहीं मिला तो वह आत्महत्या करने को बाध्य होगी। इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन और जीडीए के अधिकारियों की होगी।
इनका कहना है-
आपने यह प्रकरण मेरी जानकारी में लाया है, मैं संबंधित अधिकारियों से बात कर कार्रवाई कराऊंगा।
एमबी ओझा, संभागीय आयुक्त एवं जीडीए अध्यक्ष
उक्त प्रकरण को लेकर श्रीमती रूपा देवी ने पहले शिकायत की होगी। यदि वे मुझसे संपर्क करेंगी तो मैं इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करूंगा।
- केके गौर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जीडीए