ग्वालियर। बिरला नगर लाइन नम्बर 12 निवासी मनमोहन कुमार घई की अंतिम इच्छा बेटे ने उनकी मौत के बाद पूरा कर उनकी आत्मा को शांति प्रदान की है। मनमोहन घई की इच्छा थी कि मृत्यु के बाद उनका शरीर भी किसी के काम आए। मनमोहन के पुत्र रितेश कुमार घई ने बताया कि पिता की इच्छा को पूरा करने का निर्णय पूरे परिवार ने मिलकर लिया है।
दरअसल गुरूवार-शुक्रवार की रात करीब 3 बजे बिरला नगर लाइन नम्बर 12 निवासी मनमोहन कुमार घई का निधन हो गया था। मृत्य के तुरंत बाद उनके बेटे रितेश कुमार ने गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के एनाटोमी विभागाध्यक्ष डॉ. सुधीर सक्सेना को दी। जानकारी मिलते ही डॉ. सक्सेना ने महाविद्यालय टीम के मनमोहन के घर पहुंचाया। महाविद्यालय के चिकित्सकों का दल शुक्रवार की सुबह शव को चिकित्सा महाविद्यालय लेकर पहुंचे और देहदान की प्रक्रिया को पूरा किया। इस मौके पर विभाग के डॉ. अखिलेश त्रिवेदी, डॉ. अनिल, डॉ. दिनेश, डॉ. राहुल, डॉ. प्रवेश सिंह भदौरिया, डॉ. मनीष चतुर्वेदी सहित चिकित्सा शिक्षक उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि चिकित्सा महाविद्यालय में इस वर्ष का यह पहला देह दान है। महाविद्यालय में अभी तक कुल 39 देह दान किए जा चुके हैं।
प्रतिवर्ष चाहिए 12 देह
चिकित्सा महाविद्यालय में एमबीबीएस की दो सौ सीटें हैं। सीटों के हिसाब से चिकित्सा छात्र-छात्राओं को अध्ययन के लिए प्रतिवर्ष कम से कम 10 से 12 दोह की आवश्यकता है। लेकिन आवश्यकता के हिसाब से महाविद्यालय को देह नहीं मिल पा रहे हैं।
अभी तक मिले इतने देह
वर्ष देह मिले
2000 1
2003 1
2008 1
2011 3
2013 2
2016 6
2017 6
2018 6
2019 3
2020 1
2021 1
2022 3
2023 3
2024 1