11 वर्षीय छात्र का शव शौचालय में लटका मिला, टाई से लटकने से मौत -

आत्महत्या के कारणों में उलझी पुलिस, मर्ग कायम

Update: 2020-11-06 00:45 GMT

ग्वालियर, न.सं.। थाटीपुर थाना क्षेत्र में नाबालिग का शव शौचालय में फंदे पर लटका मिला। छात्र के गले में टाई का फंदा डला हुआ था। अचानक नाबालिग छात्र ने फंदे से लटककर आत्महत्या क्यों की फिलहाल पुलिस को परिजनों ने कारण नहीं बताया है। पुलिस और फॉरेसिंक विशेषज्ञ ने घटना स्थल का निरीक्षण करने के बाद आत्महत्या की विवेचना प्रारंभ कर दी है।

दर्पण कॉलोनी मेें रहने वाले अल्केश सक्सेना निजी विद्यालय में शिक्षक हैं। अखिलेश का 11 वर्षीय बेटा सार्थक अमर पब्लिक विद्यालय की कक्षा पांच का छात्र था और इस समय उसकी ऑनलाइन कक्षाएं चल रही थीं। बताया गया है कि बुधवार को सार्थक ने ऑनलाइन कक्षा पर पढ़ाई की और उसके बाद वह कमरे मेें चला गया। जबकि पिता उसके बेटे के काम को लेकर विद्यालय देने चले गए। शाम पांच बजे के करीब अखिलेश लौटकर घर आए और सार्थक को आवाज देकर पीने के लिए पानी मांगा। जब सार्थक कमरे में नहीं निकला तो उसको वह देखने बाहर आ गए। बेटे को तलाश करने पर भी वह उन्हें नहीं मिला। इसी दरिम्यान सार्थक के चाचा शौचालय में गए तो दरवाजा खोलकर देखने पर उसकी चीख निकल गई। बालक सार्थक का शव फंदे पर लटका हुआ था। पिता अल्केश बेटे की आवाज सुनकर शौचालय की ओर दौड़े तो उनके पैरों से जमीन निकल गई। उनका हंसता खेलता हुआ बेटा जो कुछ ही देर पहले सामने था फिर फांसी  पर लटका हुआ था। सार्थक ने अपने ही विद्यालय की टाई के फंदे से लटका हुआ था। परिजन छात्र को फंदे से उतारकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। चिकित्सक ने छात्र को देखकर मृत घोषित कर दिया। अचानक सार्थक ने आत्मघाती कदम क्यों उठाया है फिलहाल कारणों का पता नहीं चल सका है। फॉरेसिंक विशेषज्ञ डॉ. अखिलेश भार्गव ने शौचालय का निरीक्षण का घटना के साक्ष्य एकत्रित किए। पुलिस मर्ग कायम कर आत्महत्या के कारणों की विवेचना कर रही है।

सार्थक काफी चंचल स्वभाव का था

सार्थक के पिता अखिलेश ने बताया कि वह काफी चंचल स्वभाव का था। उसे किसी भी चीज की कोई कमी नहीं थी साथ ही वह पढ़ाई के साथ प्रयोग करना भी पसंद करता था। तनाव तो वह क्या होता जानता भी नहीं था। पढ़ाई का कोई दबाव भी परिजनों की ओर से नहीं था। परिजन भी हैरान ऐसा क्या हुआ कि सार्थक टाई लेकर शौचालय में गया और शॉवर से फांसी लगाई। वह कोई प्रयोग कर रहा था या फिर अकस्मात कोई घटना हो गई।

घर में करता रहता था प्रयोग

सार्थक कभी बैटरी से बल्ब जलाता तो कभी मोबाइल की बेटरी ही निकाल लेता था। परिजन भी उसके प्रयोग देखकर हैरान रहते थे। कुछ न कुछ करने की उसकी आदत थी। परिजनों ने बताया कि वह अभी टाई भी बंधाना सीख रहा था।

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