ग्वालियर शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय में विद्यार्थियों ने आदित्य एल-1 की देखी लॉन्चिंग

सूर्य मिशन यानि आदित्य एल-1 मिशन पीएसएलवी वी-एक्सएल रॉकेट की मदद से शनिवार को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च किया गया।

Update: 2023-09-02 07:25 GMT

ग्वालियर। सूर्य मिशन यानि आदित्य एल-1 मिशन पीएसएलवी वी-एक्सएल रॉकेट की मदद से शनिवार को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर लॉन्च किया गया। इसे स्कूली बच्चों को दिखाने के लिए स्कूल प्रशासन ने विशेष तैयारी की थी। सभी शासकीय स्कूलों में संचालित साइंस डिपार्टमेंट में आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग दिखाने की व्यवस्था की गई। ग्वालियर के शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक 01 में लाइव बड़ी स्क्रीन पर दिखाया गया। शहर के सभी स्कूलों में इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाली इस उपलब्धि को लाइव दिखाने बड़े प्रोजेक्टर लगाए गए। इसरो ने अलग - अलग प्लेटफार्म पर तीन लिंक जारी की थी। जिससे साइंस से जुड़े स्टूडेंट्स इसे देख सकें। आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा स्पेस स्टेशन से इसे लॉन्च किया गया। 'आदित्य-एल1' के 125 दिन में लगभग 15 लाख किलोमीटर की दूरी तय कर लैग्रेंजियन बिंदु 'एल1' के आसपास हेलो कक्षा में स्थापित होने की उम्मीद है। इस कक्षा को सूर्य के सबसे करीब माना जाता है।

इस मिशन का मुख्य उद्देश्य सौर वातावरण में गतिशीलता, सूर्य के परिमंडल की गर्मी, सूर्य की सतह पर सौर भूकंप या कोरोनल मास इजेक्शन (सीएमई), सूर्य के धधकने संबंधी गतिविधियों और उनकी विशेषताओं के अलावा पृथ्वी के करीब अंतरिक्ष में मौसम संबंधी समस्याओं को समझना है।'आदित्य-एल1' के साथ सात पेलोड हैं। इनमें से चार सूर्य के प्रकाश का निरीक्षण करेंगे। इसरो ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग में मिली कामयाबी के बाद इस मिशन का आगाज किया है।

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