गंभीर बीमारियों से थे ग्रसित, अब खुद करा रहे योग

Update: 2020-06-21 01:00 GMT

ग्वालियर। आदिकाल से योग के महत्व को समझा गया है और अपनाया गया है। योगाभ्यास एक ऐसी क्रिया है, जो आपको स्वस्थ और निरोग रखने में पूरी तरह से मदद करता है। योग के द्वारा आप कई तरह के बीमारियों को मूल से ठीक कर सकते हैं। यहां तक कि योग ने लोगों को मौत के मुंह तक से निकल लिया। हम बात कर रहे हैं कुछ ऐसे ही लोगों की जो घातक बीमारियों से ग्रसित थे लेकिन जब से योग को अपनाया है तो वह पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं।

मधुमेह से लॉक हो जाती थीं उंगलियां, योग से हुए स्वस्थ

अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक संगठन(आईएनओ) द्वारा हाल ही में योगाचार्य दिनेश चाकणकर को जिला संयोजक बनाया है। उन्हें यह दायित्व उनके योग की बारीकियां सिखाने की वजह से मिला है। छह साल पहले मधुमेह की वजह से उनकी उंगलियां लॉक हो जाती थीं और मधुमेह हमेशा 300 से ऊपर रहती थी। वजन बढ़ जाने की वजह से बीमारियों से ग्रसित रहने लगे। योग शिक्षक की सलाह पर उन्होंने योग को अपनाया और मात्र छह महीने में 17 किलो वजन घटा लिया। एक साल के अंदर वह स्वस्थ हो गए और मधुमेह सामान्य रहने लगा। उसके बाद से वह लगातार योग कर रहे हैं और अब योगाचार्य बन गए हैं। अभी तक करीब आधा सैकड़ा स्कूल के शिक्षक-शिक्षिकाओं को योग गुरु बना चुके हैं। बड़े-बड़े आयोजन में योग की बारीकियां सिखाते हैं और जिले के प्रशिक्षक भी हैं। श्री चाकणकर बताते हैं कि योग ने पूरा जीवन ही बदल दिया। हर व्यक्ति को अपने जीवन में योग अपनाना चाहिए।

शरीर में रहता था दर्द, अब 64 की उम्र में हैं पूरी तरह स्वस्थ

जीवाजी विवि से सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं योग विशेषज्ञ योगेन्द्र सिंह जादौन को दस साल पहले शरीर में दर्द रहता था। लेकिन जब से योग को अपनाना है तब से दर्द तो चला गया है साथ ही पूरी जीवन ही बदल गया। अब वह स्वयं योग विशेषज्ञ बन गए हैं। वे बतातें है कि 64 वर्ष की उम्र में उन्हें शरीर के किसी भी हिस्से में दर्द नहीं है। वे पिछले कई वर्षों से योग तो कर ही रहे हैं साथ ही दूसरों को भी प्रशिक्षण दे रहे हैं। उनके के मुताबिक आत्मबल व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए सूर्य नमस्कार, मार्जारी आसन, पवनमुक्तासन, भुजंगासन आदि कराते हैं। इसी तरह कपालभाति, भस्त्रिका, अनुलोम-विलोम व भ्रामरी करने की विधि भी बताते हैं।

टीवी में देखा और करने लगी योग

योग विशेषज्ञ पल्लवी ने टीवी में योग की बारीकियां देखकर सीखा। आज वह लोगों को ऑनलाइन वीडियो बनाकर योग सिखाने का काम कर रही हैं। योग विशेषज्ञ पल्लवी बताती हैं कि अभी पूरी दुनियां में कोरोना का कहर जारी है। कई शोध में यह माना गया है कि जिनकी इम्यूनिटी शक्ति अधिक होगी, उन पर कोरोना वायरस का असर अधिक नहीं होगा। योग के माध्यम से इम्यूनिटी बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान अवसाद से बचने में भी योग काफी लाभदायक है। उन्होंने कहा कि वे योग क्रियाओं का फेसबुक लाइव करती हैं और उनसे जुड़े लोग इसे देखकर परिवार सहित योगासन करते हैं।

आज ऑनलाइन होंगे आयोजन, लोग घरों में ही करेंगे योग

अंतरराष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संगठन आईएनओ और सूर्या फाउंडेशन 21 जून को फेसबुक लाइव पेज के माध्यम से देश के 26 राज्यों के 400 जिलों के पांच लाख से अधिक परिवारों को योगाभ्यास कराएगा। ग्वालियर के जिला संयोजक दिनेश चाकणकर ने बताया कि 21 जून को प्रात: 6.30से 7.30 तक देशभर के 5 लाख से अधिक परिवार सामूहिक योगाभ्यास करेंगे। इस हेतु प्रत्येक जिले में 10 से अधिक विकासखण्ड समन्वयक की नियुक्ति की गई है। प्रत्येक समन्वयक के माध्यम से 50 परिवार 21 जून को योगाभ्यास करेंगे। योगाभ्यास करने वाले प्रत्येक परिवार को डिजिटल सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

नहीं होंगे सार्वजनिक आयोजन

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष 21 जून को देश-प्रदेश सहित ग्वालियर में भी बड़ा आयोजन होता था। लेकिन इस बार बड़े आयोजन नहीं होंगे। लोग घर पर ही योग करेंगे, इसके लिए शासन ने कार्ययोजना बनाई है। इसके लिए प्रत्येक विभागों ने नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। आयुष विभाग भारत सरकार द्वारा योग कार्यक्रम के दैरान किए जाने वाले योगासनों के बारे में एक कॉमन प्रोटोकाल निर्धारित करते हुए एक ई-बुक एवं वीडियो तैयार किया गया है। मंत्रालय द्वारा विभिन्न माध्यमों जैसे यू-ट्यूब, फेसबुक, ट्वीटर, इंस्टाग्राम इत्यादि पर सामान्य योगा प्रोटोकाल के संबंध में आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई गई है। कॉमन योगा प्रोटोकाल 45 मिनट की अवधि का रहेगा, जो दूरदर्शन एवं अन्य माध्यमों से निर्धारित समय प्रात: 7 बजे से 7.45 बजे तक प्रसारित होगा। 

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