ग्वालियर, न.सं.। हरतालिका तीज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है। हरतालिका तीज का व्रत 21 अगस्त को रखा जाएगा। ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन ने बताया कि हरतालिका तीज को कई जगहों पर तीजा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। यह व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है। हरतालिका तीज हरियाली और कजरी तीज के बाद मनाई जाती है। इस बार हरतालिका तीज 21 अगस्त को मनाई जाएगी।
हरतालिका तीज के व्रत संकल्प शुभ मुहूर्त:-
पूजा का मुहूर्त सुबह 5 बजकर 53 मिनट से 8 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। मुहुर्त की अवधि 2 घण्टा 36 मिनट की होगी। हरतालिका तीज पूजा का मुहुर्त शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक रहेगा।
कैसे करें व्रत:-
हरतालिका तीज व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है। अगले दिन सुबह पूजा के बाद जल पीकर व्रत खोलने का विधान है। हरतालिका तीज व्रत के दिन रात्रि जागरण किया जाता है। रात भर जागकर भजन-कीर्तन करना चाहिए।
पूजा की विधि:-
हरतालिका तीज की पूजा सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल में की जाती है। इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा बालू और काली मिट्टी से बनाई जाती है। पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखकर उस पर केले के पत्ते बिछाएं जाते हैं और भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है।