सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल बना कोरोना संक्रमितों की 'मौत का घर
अब बेकाबू होने लगा कोरोना संक्रमण, चार ने फिर तोड़ा दम
ग्वालियर, न.सं.। कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए तैयार किया गया सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल ही इन मरीजों की मौत का घर बन गया है। सरकारी स्तर पर कोरोना संक्रमण से पीडि़त मरीजों को इसी अस्पताल में इलाज दिया जा रहा है। लेकिन सबसे ज्यादा कोरोना से संक्रमित मरीजों की मौत यहीं हो रही हैं। हालांकि में मुरार के जिला अस्पताल को भी कोविड सेंटर बनाया गया है। लेकिन यहां मौत का आंकड़ा काफी कम है। इसके अलावा जिले के कई निजी अस्पतालों में भी कोरोना संक्रमितों का इलाज हो रहा है। लेकिन सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल में हो रही मौतें मरीजों को न सिर्फ डरा रही हैं बल्कि यहां की व्यवस्थाओं और सुविधाओं पर भी सवाल उठा रही हैं।
रविवार को सिकंदर कम्पू निवासी 80 वर्षीय द्वारका प्रसाद शुक्ला, बिरला नगर निवाी 60 वर्षीय महिला प्रेमशीला पाठक, अवाड़पुरा निवासी 63 वर्षीय आखिरी बेगम ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं मानिक विलास कॉलोनी निवासी 61 राधा व्यंकट रमन का भी निधन हो गया। लेकिन उनकी रिपोर्ट सोमवार को आएगी। इन मरीजों को मिलाकर मृतकों की संख्या अब 144 जा पहुंची है। रविवार को आई जांच रिपोर्ट में इसी के चलते फिर से 238 संक्रमित सामने आए हैं। वायरोलॉजिकल लैब से 186, जेएएच के रेपिड एंटीजन किट में 13, जिला अस्पताल मुरार की रेपिड एंटीजन किट में 4 व निजी लैब में 35 नए संक्रमित मरीज मिले हैं। रिपोर्ट में कैंसर अस्पताल में पदस्थ 55 वर्षीय महिला चिकित्सक संक्रमित निकली है। महिला के घर से पूर्व में चार सदस्य संक्रमित आ चुके हैं। इसी तरह मुरार जिला अस्पताल में पदस्थ विश्वविद्यालय रोड निवासी 24 वर्षीय महिला चिकित्सक को भी संक्रमण हुआ है। मुरार एसबीआई बैंक से 49 वर्षीय कैशियर, 35 वर्षीय हेल्प डेस्क प्रभारी सहित मुरार की एसबीआई में पदस्थ डीडी नगर निवासी क्लर्क की 30 वर्षीय पत्नी संक्रमित हैं। 50 वर्षीय डबरा एसडीएम, कटनी में पदस्थ हनुमान नगर निवासी सीएसपी की पत्नी संक्रमित निकली हैं। सीएसपी के दो बच्चे पूर्व में संक्रमित आ चुके हैं। उधर डी.डी. नगर निवासी 44 वर्षीय आर.टी.ओ. के एजेंट व उसका बेटा भी संक्रमित है। एजेंट की मां, पत्नी व छोटा बेटा पूर्व से ही संक्रमित हैं। मुरार निवासी 53 वर्षीय संक्रमित सेना के जवान हैं और सूरत में पदस्थ है। जवान दस दिन पूर्व ही अपने घर आया है। इन मरीजों के आने से जिले में संक्रमितों की संख्या 9390 पहुंच गई है।
साधारण तरीके से किया सुपुर्दे खाक
आखिरी बेगम के पुत्र मेहबूब का कहना है कि उनकी मां संक्रमित ही नहीं थी। साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी कोई जांच नहीं हुई है। आखिरी बेगम को सुपुर्दे खाक तो किया गया लेकिन कोविड के नियमों का कोई भी पालन नहीं किया।
हजारों मजदूर आए, तब सब ठीक था
शुरुआती लॉकडाउन के दौरान जिले में हजारों की संख्या में मजदूर अपने घर को लौटे। उन सभी को क्वारेंटाइन कि या गया और समय पूरा होने के बाद लोग स्वस्थ होकर अपने घरों को पहुंच गए। केवल चंद मामले ही सामने आए, जिनमें कुछ लोग कोरोना संक्रमित निकले और वह ठीक भी हो गए। उस समय भी जिले में कोई मौत नहीं हुई और अब जबकि सब अपने घर पर हैं उसके बाद भी लोग बड़ी संख्या में कोरोना की चपेट में आ रहे हैं और लगातार मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है।
हालात और बिगड़े तो क्या करेगा प्रशासन
जिस गति से कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं यदि इसी गति से आगे भी मामले सामने आते रहे तो जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी हो सकती है। वर्तमान में इतने मामले बढऩे के बाद भी लोगों की लापरवाही कम नहीं हो रही है, बाजार में भीड़ बहुत है। ज्यादातर लोग शारीरिक दूरी का पालन नहीं करते हैं, मास्क नहीं लगाते हैं, जिससे और अधिक संक्रमण फैलने का खतरा है।