समर्थकों को अभी नहीं मिली सिंधिया से हरी झंडी

Update: 2024-03-17 00:45 GMT

 ग्वालियर। लोकसभा चुनाव की बिसात बिछ गई है और जंग शुरू हो गई है। भाजपा-कांग्रेस ने जिन सीटों के उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं, वह चुनाव मैदान में उतर गए हैं । गुना-शिवपुरी लोकसभा से भाजपा ने केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरदित्य सिंधिया को प्रत्याशी बनाया है। वह अपने क्षेत्र में अपना अभियान शुरु कर चुके हैं। सिंधिया समर्थक प्रचार के लिए उनके चुनाव क्षेत्र में जाना चाहते हैं, लेकिन सिंधिया की ओर से उन्हें हरी झंडी नहीं मिलने से वे बेचैन हैं। गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से सिंधिया परिवार का कोई भी सदस्य चुनाल लड़े, ग्वालियर से उनके समर्थक वहां जाकर मोर्चा संभालते रहे हैं।

वर्ष 1999 में जब कांग्रेस नेता माधवराव सिंधिया गुना चुनाव लडऩे पहुंचे तो ग्वालियर से ही नहीं अन्य क्षेत्रों से भी उनके समर्थक गुना- शिवपुरी पहुंचे थे और चुनाव प्रचार में जुटे थे। श्री सिंधिया के विश्वासपात्र कांग्रेस नेता महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा की अगुवाई में सैकड़ों कार्यकर्ता चुनाव प्रचार में पहुंचते थे। श्री सिंधिया के गोलकवासी होने के बाद 2002 के उप चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया जब चुनाव लड़े तब से 2019 में हुए लोकसभा चुनाव तक उनके समर्थक गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में जाकर चुनाव प्रचार में मोर्चा संभालते रहे हैं। पिछले चुनाव की बात करें तो चुनाव से एक-डेढ़ साल पहले ही ग्वालियर-चंबल के उनके समर्थकों को पूरे संसदीय क्षेत्र में विधानसभा और पंचायत स्तर तक तैनात किया गया था। श्री सिंधिया इस चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे थे। चुनाव के दौरान स्थानीय कार्यकर्ताओं में नाराजगी के स्वर खुलेआम मुखर हुए थे। स्थानीय कार्यकर्ता इस बात से खफा थे कि उन पर विश्वास नहीं इसलिए बाहरी लोगों को हमारे ऊपर तैनात कर दिया है। इस नाराजगी का कुछ हद तक श्री सिंधिया को नुकसान भी हुआ। श्री सिंधिया इस चुनाव में भाजपा के केपी सिंह यादव से चुनाव हार गए थे। अप्रैल- मई में होने जा रहे लोकसभा चुनाव में परिस्थिति बदली हुईं हैं

 श्री सिंधिया अब भाजपा में हैं और भाजपा ने उन्हें गुना-शिवपुरी से उम्मीदवार बनाया है। भाजपा एक कैडर बेस पार्टी है। जिले से लेकर मण्डल, वार्ड, ग्राम पंचायत और बूथ से लेकर पन्ना प्रमुख तक उसका सांगठनिक ढांचा है। भाजपा की एक और विशेषता है कि उसके कार्यक्रम सिर्फ चुनाव के दौरान ही नहीं बल्कि पूरे साल चलते रहते हैं और उसके कार्यकर्ता सक्रिय बने रहते हैं। यही बजह है कि उम्मीदवार स्थानीय हो अथवा बाहरी उसे पूरा सेटअप मिलता है और उसे चुनाव लडऩे में परेशानी नहीं आती। भिण्ड, मुरैना, भोपाल, खजुराहो संसदीय क्षेत्र इसके साफ उदाहरण हैं जहां भाजपा ने दूसरे क्षेत्रों से अपने नेताओं को चुनाव मैदान में उतारा और वह चुनाव जीतने में सफल भी हुए थे। श्री सिंधिया गुना-शिवपुरी से लगातार चुनाव लड़ते आ रहे हैं, उनके स्वयं के समर्थकों की फौज है। अब भाजपा का सांगठनिक ढांचा भी उनके साथ है। वह भाजपा में 2020 में शामिल होने के बाद से ही अपने क्षेत्र में सक्रिय हैं। विकास की अनेक सौगातें अपने क्षेत्र को दी हैं। पिछले चुनाव से सबक भी उन्होंने लिया है।

अब श्री सिंधिया की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद श्री सिंधिया ने अपने चुनाव क्षेत्र में चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। चुनावी घमासान शुरु होते ही श्री सिंधिया के समर्थक अब उनके चुनाव प्रचार में भाग लेने के लिए उतावले हैं। अपनी मंशा भी श्री सिंधिया तक पहुंचाई है, लेकिन अभी उन्हें हरी झंडी नहीं मिली है। इन समर्थकों को साफ निर्देश हैं कि अपने क्षेत्र में पार्टी का काम करें। गुना- शिवपुरी संसदीय क्षेत्र में रहने वाले अपने नाते- रिश्तेदारों व परिचितों से अपने क्षेत्र में ही रहकर संपर्क करें और भाजपा को वोट देने का आग्रह करें। श्री सिंधिया से हरी झंडी नहीं मिलने के कारण फिलहाल उनके समर्थकों में बेचैनी है।

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