ग्वालियर। भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव "तानसेन समारोह" संगीत की नगरी ग्वालियर में इस साल 26 से 30 दिसम्बर तक आयोजित होगा। भारतीय शास्त्रीय संगीत की अनादि परंपरा के श्रेष्ठ कला मनीषी संगीत सम्राट तानसेन को श्रद्धांजलि व स्वरांजलि देने के लिये पिछले 95 साल से यह प्रतिष्ठित आयोजन हो रहा है। इस साल के आयोजन में भी ब्रम्हनाद के शीर्षस्थ साधक संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि देने आएंगे।
इस साल भी पारंपरिक रूप से तानसेन समारोह के पहले दिन प्रात:काल सुर सम्राट तानसेन समाधि पर हरिकथा, मिलाद व शहनाई वादन होगा। साथ ही समारोह के पांचों दिन पारंपरिक रूप से संगीत सभाएं होंगी। उस्ताद अलाउद्दीन खाँ संगीत एवं कला अकादमी के प्रभारी निदेशक राहुल रस्तोगी ने बैठक में जानकारी दी कि वैश्विक महामारी कोरोना संकट को ध्यान में रखकर इस साल के तानसेन समारोह के आकार एवं व्यवस्थाओं में थोड़ा बदलाव किया गया है। पिछले कुछ वर्षों से तानसेन समारोह की पूर्व संध्या पर आयोजित हो रहे "गमक" का आयोजन इस साल नहीं होगा। साथ ही समारोह के आखिरी दिन गूजरी महल में आयोजित होने वाली सांध्यकालीन संगीत सभा नहीं होगी हर दिन प्रात:कालीन सभा प्रात: 10 बजे से दोपहर एक बजे तक एवं सांध्यकालीन सभा अपरान्ह 3 बजे से सायंकाल बजे तक होंगी।
प्रवेश पत्र होंगे जारी, ऑनलाइन प्रसारण व एलईडी स्क्रीन लगेंगी
जानकारी के अनुसार, इस साल तानसेन समारोह में विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कार्यक्रम स्थल पर इस बार प्रवेश पत्र के आधार पर संगीत रसिकजनों को प्रवेश मिलेगा। प्रवेश पत्र वितरित करने और जमा करने के लिये कार्यक्रम स्थल पर ही काउंटर बनाए जायेंगे। मुख्य कार्यक्रम स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखकर लगभग 350 रसिकों के बैठने के लिये कुर्सियां लगाई जायेंगी। जो रसिक बीच में ही कार्यक्रम से बाहर जाएंगे, उनसे प्रवेश पत्र जमा करा लिया जायेगा और उनके स्थान पर दूसरे रसिक को प्रवेश पत्र देकर कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति दे दी जायेगी।
सोशल मीडिया पर होगा प्रसारण
बैठक में निर्णय लिया गया कि अधिक से अधिक संगीत रसिक तानसेन समारोह की सभाओं का आनंद उठा सकें, इसके लिये सभी संगीत सभाओं का यूट्यूब व सोशल मीडिया पर ऑनलाइन (वर्चुअल) प्रसारण किया जायेगा। साथ ही तानसेन समाधि स्थल पर बनने जा रहे पण्डाल के बाहर एक बड़ी एलईडी स्क्रीन भी लगाई जायेगी, जिससे प्रवेश पत्र न मिल पाने से कार्यक्रम में शामिल होने से वंचित रह गए संगीत रसिक बाहर कुर्सियों पर बैठकर तानसेन समारोह की सभाओं का आनंद ले सकें।समारोह में पहुंचने वाले हर रसिक की प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग होगी। साथ ही जो रसिक मास्क पहनकर नहीं आयेंगे, उन्हें मास्क उपलब्ध कराए जायेंगे। हर सभा से पहले सम्पूर्ण परिसर का सेनेटाइजेशन भी किया जायेगा।
टाउन हॉल में भी प्रसारण की व्यवस्था
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सदस्यों के सुझाव पर कहा कि महाराज बाड़ा स्थित टाउन हॉल में भी स्क्रीन लगाकर तानसेन समारोह की सभाओं का सीधा प्रसारण करने की व्यवस्था करने के प्रयास किए जाएंगे। हाल ही में सुसज्जित होकर तैयार हुए टाउन हॉल में वर्षभर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना भी बनाई जा रही है। समिति सदस्यों ने तानसेन समारोह की सभाओं में स्थानीय संगीत महाविद्यालयों व अन्य महाविद्यालयों के विद्यार्थियों की अधिकाधिक भागीदारी पर बल दिया।
कुल 8 संगीत सभाएं होंगी
इस बार के समारोह में कुल 8 संगीत सभायें होंगी। पहली 7 संगीत सभायें सुर सम्राट तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में बनने जा रहे भव्य एवं आकर्षक मंच पर सजेंगीं। समारोह की आठवीं एवं आखिरी सभा सुर सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे सजेगी। हर दिन प्रात:कालीन सभा प्रात: 10 बजे से दोपहर एक बजे तक एवं सांध्यकालीन सभा अपरान्ह 3 बजे से सायंकाल बजे तक होंगी।