तानसेन समारोह की तैयारियां पूर्ण, कला यात्रा के साथ होगा शुभारंभ

Update: 2021-12-24 16:50 GMT

ग्वालियर। संगीत समागम तानसेन समारोह का आयोजन 25 से 30 दिसम्बर तक किया जा रहा है। तानसेन समारोह की पूर्व संध्या पर आयोजित पूर्वरंग गमक का आयोजन 25 दिसम्बर को शाम 7 बजे से इंटक मैदान हजीरा पर होगा। जिसमें गमक में विश्व विख्यात पंजाबी सूफी गायक उस्ताद पूरनचंद्र बडाली एवं लखविंदर बडाली का सूफियाना गायन होगा। जिसकी तैयारियां भी पूरी कर ली गईं हैं और तानसेन सभा स्थल पर पंडाल भी सज गया है। विश्व भर में सूफी संगीत को सिद्ध प्रार्थना के रूप में स्थापित करने का श्रेय पद्मश्री पूरनचंद्र और उनके घराने को है। पद्मश्री पूरनचंद्र बडाली और उस्ताद लखविंदर बडाली के सूफियाना कलाम, भजन एवं गीतों से शनिवार की शाम भक्तिमय और संगीतमय होगी।

वहीं इस बार कला यात्रा का भी आयोजन होगा। गमक से पहले विशाल कला यात्राएं निकलेंगीं। एक कला यात्रा पारंपरिक रूप से किलागेट से शुरू होकर गमक आयोजन स्थल इंटक मैदान हजीरा तक पहुंचेगी। जबकि दूसरी महाराज बाड़ा से भव्य कला यात्रा निकाली जा रही है। जिसमें ग्वालियर एवं चंबल संभाग के सभी जिलों के लोक कलाकार शामिल होंगे। इस कला यात्रा में शामिल लोक कलाकार मार्ग में चार स्थानों पर अपने-अपने जिले की लोक कलाओं का प्रदर्शन करेंगे।

जन्मस्थली बेहट पहुंचे जिलाधीश:

तानसेन समारोह के तहत इस साल आठवीं संगीत सभा 30 दिसम्बर को सुबह काल पारंपरिक रूप से संगीत सम्राट तानसेन की जन्मस्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे भगवान शिव के मंदिर के समीप सजेगी। इसी के चलते जिलाधीश कौशलेन्द्र विक्रम सिंह व जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी तानसेन की जन्मस्थली बेहट पहुंचे और आसपास कराए गए सौंदर्यीकरण कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि संगीत सभा की सभी व्यवस्थाएं प्रतिष्ठित तानसेन समारोह की गरिमा के अनुरूप होना चाहिए। मुरार जनपद पंचायत ने तानसेन की जन्मस्थली बेहट में विभिन्न सौंदर्यीकरण कार्य कराए हैं, जिसमें तानसेन की साधना स्थली के समीप स्थित अक्षत बावड़ी का जीर्णोद्धार और झिलमिल नदी के आसपास कराए गए सौंदर्यीकरण कार्य शामिल है।

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