दो घंटे का ब्लॉक लेकर चढ़ाए आखिरी के दो गार्डर, अब आज से कसे जाएंगे
मार्च तक पूरा होगा काम, तीन महीने बाद शुरु होगा यातायात
ग्वालियर,न.सं.। छह साल से अटके हुए विवेकानंद नीडम आरओबी पर आखिरकार रेलवे ने शुक्रवार को आखिरी दो गार्डर भी हाईड्रोलिक मशीन की मदद से चढ़ा दिए है। कुल आठ गार्डर आरओबी पर चढ़ा दिए गए है। अब रेलवे इनको कसने के लिए ब्लॉक लेगा। शुक्रवार को रेल मंडल झांसी के एडीआरएम स्वयं मौके पर मौजूद रहे। रेलवे को डेढ़ से दो माह का समय गार्डर के कनेक्शन से लेकर आरसीसी आदि तैयार करने में लगेगा। रेलवे और पीडब्ल्यूडी विभाग का दावा है कि मार्च तक वह अपना काम पूरा कर लेंगे। अगर ऐसा होता है तो मार्च के बाद यहां से यातायात शुरु कर दिया जाएगा।
विवेकानंद नीडम आरओबी के निर्माण की समय सीमा दो साल पहले ही समाप्त हो चुकी है। शहर में प्रस्तावित किए गए चार रेल ओवरब्रिज में से सिर्फ इसी ओवरब्रिज का काम शेष रह गया था। रेलवे को पटरियों के ऊपर सिर्फ 36 मीटर के हिस्से में गार्डर लान्च कर स्पान बनाने हैं, लेकिन इस काम में लगातार देरी हो रही थी। 790 मीटर लंबे फोरलेन आरओबी की कुल चौड़ाई 24 मीटर है। एक तरफ सडक़ की चौड़ाई 12 मीटर रहेगी। इसकी लागत लगभग 57 करोड़ रुपए है।
यातायात शुरू होने में लगेंगे तीन महीने-
रेलवे के हिस्से का काम पूरा होने के बाद में पीडब्ल्यूडी को अपने हिस्से का बचा हुआ काम पूरा करने में तीन महीने का समय लगेगा। यदि कोई अड़चन आती है, तो लगभग दो महीने का समय और लग जाएगा। ऐसे में इस आरओबी का लाभ जून 2024 से ही मिल सकेगा। इसके बनने से झांसी रोड व नाका चंद्रवदनी से होकर आने वाला ट्रैफिक न्यू कलेक्ट्रेट व सिरोल के लिए सीधे निकल सकेगा, जिससे एजी पुल पर ट्रैफिक लोड कम होगा।