उज्जैन में बाबा महाकाल और ग्वालियर में सिंधिया परिवार पहनता है मोहम्मद रफीक के हाथ से बनी पगड़ी
कई पीढिय़ों से हो रहा है पगड़ी बनाने का काम
ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर शहर के बालाबाई बाजार में रहने वाले मोहम्मद रफीक अहमद और उनका परिवार उज्जैन के राजाधिराज भगवान बाबा महाकाल के लिए इको फे्रंडली पगड़ी और ग्वालियर शहर में सिंधिया परिवार के लिए शिंदे साहिब पगड़ी बनाने का काम पिछली कई पीढिय़ों से कर रहा है। बाबा महाकाल सावन माह में और सिंधिया परिवार शुभ कार्यों में इस पगड़ी को पहनते हैं। वर्तमान में यह पगड़ी 78 वर्षीय मोहम्मद रफीक अहमद द्वारा ही बनाई जा रही है।
स्वदेश से चर्चा करते हुए मोहम्मद रफीक अहमद ने बताया कि माधौ महाराज प्रथम कुशल कारगीर के रूप में उनके पड़दादा अमीर उल्ला को ग्वालियर लेकर आए थे। तब से उनके पड़दादा अमीर उल्ला और दादा हफीज उल्ला द्वारा सिंधिया परिवार के लिए पगड़ी बनाने का कार्य कर रहे हैं। सिंधिया परिवार इस पगड़ी को शुभ कार्यों में पहनते हैं। वर्तमान में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके पुत्र महानआर्यमन इस पगड़ी को शुभ कार्यों में पहनते हैं। मोहम्मद रफीक अहमद ने बताया कि यह पगड़ी उज्जैन के महाकाल बाबा के लिए भी बनाई जाती है। सावन माह में दो पगड़ी ग्वालियर से उज्जैन जाती हैं और बाबा महाकाल को राजा के रूप में पहनाई जाती हैं। बाबा महाकाल को इस प्रकार की पगड़ी पहने देख उनके भक्त बहुत प्रसन्न होते हैं।
इस प्रकार बनती है पगड़ी:-
मोहम्मद रफीक अहमद ने बताया कि इस पगडी को बनाने में नौ इंच चौड़ाई का करीब 150 से 160 मीटर लम्बे कपड़े का इस्तेमाल होता है। पगड़ी तैयार करने के लिए पहले गरम पानी में नमक डाला जाता है। इसके बाद पानी में रंग डाला जाता है। उबाल आने के बाद चावल से बने स्टार्च, साबूदाना, मंैदा, अरारोट का उपयोग किया जाता है। फिर पानी ठंडा होने पर कपड़ा सुखाया जाता है और फिर तैयार होती यह शानदार पगड़ी जो देखने में अपने आप बनती है। इसमें सूती कपड़े का उपयोग किया जाता है। मोहम्मद रफीक अहमद ने बताया कि हम कपड़े में किसी प्रकार का कोई केमिकल उपयोग नहीं करते हैं जो कि नुकसान पहुंचाए।