तीसरी लाइन का काम पूरा होती ही बढ़ेगी ट्रेनों की गति, ये होंगे फायदे

-दिल्ली से भोपाल के बीच कई जगह लॉकडाउन में घुमाव किए खत्म

Update: 2020-12-13 01:00 GMT

ग्वालियर/वेब डेस्क। ट्रेनों की गति बढ़ाने और आवाजाही का समय दुरुस्त करने के लिए रेलवे ने तीसरी लाइन के कार्य को गति दे दी है। झांसी से मथुरा के बीच 273 किमी लंबी तीसरी लाइन पर रेलवे 2488 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। मथुरा से आगरा के बीच भी कई जगहों पर तीसरी लाइन का काम पूरा हो चुका है। वहीं बानमौर से धौलपुर के बीच भी तीसरी लाइन का काम तेजी से किया जा रहा है। यह काम पूरा होते ही दिल्ली से भोपाल के बीच यात्रा का समय 45 मिनट तक कम होगा। नया स्पीड प्रोटोकॉल लागू होने के बाद तीसरी रेल लाइन पर ट्रेनों का संचालन होने से यह परिवर्तन होगा। कमिश्नर रेलवे सेफ्टी ने नए स्पीड प्रोटोकॉल को प्रारंभिक मंजूरी दे दी है। तीसरी रेलवे लाइन पर ग्वालियर से झांसी होते हुए भोपाल तक ट्रेनों के संचालन की तैयारी है।

रेलवे यात्रियों को कम समय में यात्रा की सुविधा के लिए निरंतर नए प्रयोग कर रहा है। हाई स्पीड कॉरिडोर के साथ-साथ तीसरी और चौथी लाइन बिछाकर रेलवे का यात्री ट्रेनों की गति बढ़ाने पर जोर है। रेलवे के अनुसार ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने का उद्देश्य दिल्ली से मुंबई के बीच लगने वाले यात्रा समय में एक से डेढ़ घंटे तक की कमी करना है। इससे भविष्य में चलने वाली प्राइवेट ट्रेन सहित सभी ट्रेनों के लाखों यात्रियों को फायदा होगा। रेल अधिकारियों के अनुसार लॉकडाउन में जब ट्रैक खाली थे तो ग्वालियर झांसी, भोपाल मंडल में कई जगह ट्रैक के घुमाव को भी कम करने का काम किया गया है। ऐसे में जहां मामूली घुमाव थे, उन्हें तो पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। इस बदलाव के बाद ट्रेनों को पहले के मुकाबले अधिकतम 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक तेज रफ्तार के साथ चलाने में आसानी हो जाएगी।

भोपाल एक्सप्रेस में लगेंगे एलएचबी कोच

भोपाल एक्सप्रेस को जर्मनी की लिंक हॉफमैन बोश (एलएचबी) टेक्नोलॉजी के कोच के रैक से चलाया जाएगा। इससे ट्रेनों की औसत स्पीड 110 से बढ़कर 130 किमी प्रति घंटे हो जाएगी। यह कोच दुर्घटना के समय एक-दूसरे पर नहीं चढ़ते, जिससे यात्रियों को बहुत कम नुकसान होता है। इस वजह से यह आईसीएफ के मुकाबले सुरक्षित माने जाते हैं।

ये होंगे फायदे

मथुरा से झांसी लाइन पर 12 प्रतिशत व झांसी से बीना ट्रैक अभी 22 प्रतिशत यातायात अधिक रहता है। कोरोना काल में अभी यातायात सामान्य है। कोरोना से पहले इन मार्गों पर यातायात का दबाव रहता था। इस कारण ट्रेनें लेट होती थीं। तीसरी लाइन बिछने के बाद इससे राहत मिलेगी।

-ग्वालियर-आगरा व ग्वालियर-झांसी के बीच पैसेंजर सहित मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों को सर्दी के सीजन में रद्द करना पड़ता है। लेकिन तीसरी लाइन बिछने से ट्रेन रद्द करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। कम समय का ब्लॉक लेकर भी काम किया जा सकेगा।

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