तिघरा बांध आधा खाली, पांच को परिषद की बैठक में होगा एक दिन पानी छोडक़र सप्लाई का निर्णय

बांध में बचा है सिर्फ 728 फट पानी

Update: 2023-09-03 01:30 GMT

ग्वालियर,न.सं.। मोहना-घाटीगांव में कम वर्षा के कारण अब शहर में जल संकट जैसी स्थिति उत्पन्न होने की संभावना बन रही है। प्रतिदिन हो रही जलापूर्ति और तिघरा में वर्षा का पानी नहीं आने के कारण अब बांध का स्तर 50.40 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यदि प्रतिदिन पानी की आपूर्ति जारी रहती है, तो बांध में सिर्फ जनवरी तक का पानी ही शेष बचा हुआ है।

रोज पानी की जगह एक दिन छोडक़र जलप्रदाय देने के प्रस्ताव पर नगर निगम ने काम शुरू कर दिया है। हालांकि इस निर्णय को निगमायुक्त के प्रस्ताव पर एमआईसी व परिषद की मुहर पर लिया जाएगा। क्योंकि तिघरा में एक दिन छोडक़र पानी देने के चलते केवल मई 2024 तक का पानी है और पेहसारी, ककैटो व अपर ककैटो डेम से भी पानी लाने की स्थिति जगह व किसानों के काटने के चलते नगण्य होती दिख रही है।

ग्वालियर की लगभग 14 लाख आबादी के लिए मोतीझील, जलालपुर, तिघरा वाटर ट्रीटमेंट प्लांटों से ग्वालियर, ग्वालियर दक्षिण व ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के साथ कैंटोमेंट एरिया व मुरार क्षेत्र में पानी की सप्लाई प्रतिदिन दी जा रही है। जिसके लिए लगभग 12.5 एमसीएफटी पानी की सप्लाई तिघरा से मिल रहा है। तिघरा से एक दिन छोडक़र सप्लाई देने के चलते तिघरा का वर्तमान लेवल 728.65 फुट यानि 2249.36 एमसीएफटी पानी बना हुआ है, जो अपने अधिकतम स्टोरेज लेवल 740 फुट से 11.35 फुट नीचे आ चुका है और डेड स्टोरेज 715 फुट से 13.65 फुट ऊपर है। इसके नीचे जाने पर तिघरा से सभी वाटर ट्रीटमेंट प्लांटो पर मिट्टी युक्त गंदा पानी आने की शुरू हो जाएगी और लगभग 713 फुट तक पानी की सप्लाई शहरवासियों को मिल सकेगी।

दो दिन भी छोडक़र हो सकती है सप्लाई

भले ही जल संसाधन विभाग ने पीएचई विभाग के अधिकारियों को एक दिन छोडक़र पानी देने के लिए पत्र पहुंचा दिया हो, लेकिन यहां अधिकारियों के प्रस्ताव पर निगमायुक्त हर्ष सिंह द्वारा एमआईसी को पहुंचाया जाएगा और वहां से परिषद में जाने पर ही एक दिन छोडक़र अथवा दो दिन छोडक़र पानी देने का निर्णय हो सकेगा। हालांकि निगम परिषद का विशेष सम्मेलन 05 सिंतबर को होना प्रस्तावित है।

बारिश नहीं हुई तो होगा जलसंंकट

-यदि कैचमेंट एरिया में वर्षा नहीं हुई, तो शहर में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।

-सबसे ज्यादा चिंता वाली बात यह है कि सबसे पहले अपर ककैटो डैम फुल होता है।

इस बांध के भरने से ककैटो और ककैटो से पेहसारी में पानी छोड़ा जाता है। पेहसारी में पानी को स्टोर करने के बाद इसे जरूरत पडऩे पर तिघरा में लिफ्ट किया जाता है। 

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