सीधी के मेले की तरह ग्वालियर में भी सैलानी हो सकते हैं फूड पॉयजनिंग के शिकार
खाद्य विभाग नहीं दे रहा ध्यान, कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ती
ग्वालियर, न.सं.। सीधी जिले में लगे मेले में दूषित खाद्य पदार्थ खाने से गत दिवस 150 से ज्यादा लोग गत दिवस फूड पॉयजनिंग का शिकार हुए थे। वहीं ग्वालियर व्यापार मेला में भी खुले में रखकर दूषित खाद्य पदार्थ परोसा जा रहा है। जिस कारण शैलानियों के स्वास्थ्य पर खतरा मंडरा रहा है। उसके बाद भी खाद्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती करने में लगे हुए हैं।
दरअसल मेले को शुरू हुए 20 दिन से अधिक समय हो चुका है और हजारों की संख्या में प्रतिदिन सैलानियों की भीड़ पहुंच रही है। साथ ही लगभग 100 से अधिक की छोटी बड़ी दुकानें खान-पान की वस्तुओं से सम्बन्धित लगाई गई है। इसलिए सैलानी मेले में बने व्यंजनों का लुफ्त भी उठा रहे हैं। लेकिन खान-पान के स्टॉल पर न तो साफ-सफाई का ध्यान दिया जा रहा है और न ही गुणवत्ता का।
इतना ही नहीं छोटे-छोटे स्टाल पर तो जो चटपटे व्यंजन सैलानियों को परोसे जा रहे हैं, उसमें अधिक रंग का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा तीन से चार दिन के रखे हुए तेल का भी उपयोग कई बार किया जा रहा है। जिससे सैलानियों का स्वास्थ्य बिगडऩे का खतरा बना हुआ है। उसके बाद भी खाद्य सुरक्षा प्रशासन के जिम्मेदारियों की नींद नहीं टूट रही और आज दिन तक मेले में किसी पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
यह स्थिति तब है जब जिलाधीश कौलेन्द्र विक्रम सिंह द्वारा संबंधित अधिकारियों को जांच व कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
चलित प्रयोगशाला में हुई 25 नमूनों की जांचे
खाद्य सुरक्षा प्रशासन के जिम्मेदारों की अंदेखी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मेला शुरू हुए 20 दिन से अधिक समय बीत चुका है और जिम्मेदारों द्वारा चलित प्रयोगशाला से भी तक सिर्फ 25 नमूनों की ही जांचे की जा सकी हैं। साथ ही दो नमूनों को जांच के लिए भोपाल भेजा गया है। ऐसे में स्पष्ट है कि अधिकारी भी जांच के नाम पर खानापूर्ती करने में लगे हुए हैं।
जांच नमूनों की संख्या बढ़ाने के लिए निर्देश दिए जाएंगे और दूषित खाद्य पदार्थ बेचने वालों पर सख्त कार्रवाई कराई जाएगी।
अशोक चौहान
अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा प्रशासन