कैलारस मामला : दो युवकों की हरकतों से परेशान होकर की थी युवती ने आत्महत्या
कैलारस में सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ने का कुचक्र नहीं चला, दोनों आरोपी गिरफ्तार
ग्वालियर, विशेष प्रतिनिधि। मुरैना जिले के कैलारस क्षेत्र में तीन रोज पूर्व एक युवती की कुंवारी नदी में मिली लाश के मामले में पुलिस ने खुलासा करते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने वाले दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की सक्रियता से यह स्पष्ट हो गया है कि इसमें कहीं भी जातिगत प्रताड़ना का मामला नहीं है। इसी के साथ कुछ विघ्नसंतोषियों द्वारा क्षेत्र का सामाजिक ताना-बाना बिगाड़ने के लिए जो कुचक्र रचा गया था, उसका भी अंत हो गया।
थाना प्रभारी कैलारस प्रवीण चौहान ने बताया कि अंबेडकर मार्ग कैलारस निवासी युवती नीतू शाक्य का शव मंगलवार को कुंवारी नदी में मिलने के बाद उसके पिता जगदीश पिता जगदीश द्वारा दो युवकों राहुल शिवहरे एवं हेमंत दीक्षित उर्फ अरविंद शाक्य के बारे में बताया गया था कि यह दोनों उनकी पुत्री नीतू शाक्य से छेड़खानी करते हैं।ऐसा उनकी पुत्री ने 4 अक्टूबर को उन्हें बताया था। बाद में 5 अक्टूबर की रात्रि युवती घर से गायब हो गई और 6 अक्टूबर को उसकी लाश नेपरी पुल से नीचे दिखाई दी। पुलिस ने जगदीश के बताए अनुसार युवती और दोनों युवकों के मोबाइल ट्रेस करने के बाद छानबीन की और उन दोनों युवकों को ग्राम तिंदौखर से गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों के खिलाफ कैलारस थाने में धारा 306, 354, 34 एवं अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। अरविंद शाक्य के बारे में बताया गया है कि वह नीतू के पड़ोस में ही एक मकान में किराए पर रहता था वहीं से वह उसपर गलत नजर रखने लगा था।
ट्रूकॉलर के कारण हुआ भ्रम
हेमंत दीक्षित का असल नाम अरविंद शाक्य है, किंतु उसके मोबाइल क्रमांक 93995 85489 डायल करने पर ट्रूकॉलर में हेमंत दीक्षित लिखा आता है, इसी कारण भ्रम पैदा हुआ कि उसका उपनाम दीक्षित तो नहीं।
इनकी रही भूमिका
कैलारस के इस चर्चित मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की सक्रियता से इसका पटाक्षेप हुआ। इसमें मुरैना पुलिस अधीक्षक अनुराग सुजानिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हंसराज सिंह, उप पुलिस अधीक्षक प्रियंका मिश्रा, एसडीओपी कैलारस शशि भूषण सिंह रघुवंशी की अहम भूमिका रही।