कोहरे के जाल में फंसी वंदेभारत व शताब्दी, 14 घंटे लेट आई उत्कल एक्सप्रेस

ट्रेने लेट होने पर प्लेटफार्म पर ठंड में ठिठुरते रहे यात्री

Update: 2023-12-25 01:49 GMT

ग्वालियर,न.सं.। कोहरे के चलते पंजाब, दिल्ली, की ओर से आने वाली सभी ट्रेने अपने निर्धारित समय से 5 से 7 घंटे की देरी से चल रही है। वहीं कोहरे की संभावना को देखते हुए रेलवे ने पहले ही कुछ ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। लेकिन उसके बाद भी ट्रेनों का संचालन ठीक से नहीं हो पा रहा है। रेलवे के अधिकारियों की माने तो इस सीजन में अधिकांश वीआईपी ट्रेनों का संचालन प्राथमिकता पर रहता है। कोहरे के चलते दर्जनों ट्रेनों का संचालन निरस्त किया जाता है जिससे ट्रैक पर दौड़ रही ट्रेनों को समय से चलाया जा सके और यात्रियों को लेट लतीफी का सामना ना करना पड़े।

लेकिन ट्रेनों के निरस्त होने के बावजूद कोहरे के सीजन में रोजाना ट्रेनें लेट हो रही है। रविवार को नई दिल्ली से ग्वालियर की ओर आने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस 1 घंटे 4 मिनट, शताब्दी एक्सप्रेस 2 घंटे 32 मिनट, सचखंड एक्सप्रेस 2 घंटे 53 मिनट, श्रीधाम एक्सप्रेस 1 घंटे 19 मिनट, मुंबई राजधानी एक्सप्रेस 1 घंटे 24 मिनट, महाकौशल एक्सप्रेस 3 घंंटे 52 मिनट, उत्कल एक्सप्रेस 6 घंटे, केरला एक्सप्रेस 2 घंटे 31 मिनट की देरी से ग्वालियर आई। भोपाल से शताब्दी एक्सप्रेस 2 घंटे 12 मिनट, उत्कल एक्सप्रेस 14 घंटे 38 मिनट, झांसी आगरा एक्सप्रेस 40 मिनट की देरी आई।

रात की केरला सुबह पांच बजे आई

नई दिल्ली-त्रिवेंद्रमपुरम की ओर जाने वाली केरला एक्सप्रेस शनिवार की रात को अपने निर्धारित समय से 5 घंटे 25 मिनट की देरी ग्वालियर पहुंची। इसके चलते रेलवे स्टेशन पर यात्री खासे परेशान रहे और बार बार ट्रेनों की लोकेशन पूछते रहे।

सर्दी बढ़ी, यात्री बेहाल

सर्दी के बढ़ते ट्रेनों की लेटलतीफी बढऩा शुरू हो गई है। स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ा दी है। ठंड में लोगों को रात खुले में बितानी पड़ रही है। कुछ यात्री परिसर में आग जलाकर समय काटते रहे। ग्वालियर रेलवे स्टेशन देश के प्रमुख स्टेशनों में शुमार है। यात्रियों को चारों दिशाओं की ओर यहां से ट्रेनें सुगमता से मिल जाती हैं। प्रतिदिन ग्वालियर से बीना, भोपाल और इटारसी की ओर 50, आगरा व दिल्ली की ओर 60 से अधिक गाडिय़ां उपलब्ध हैं। दरअसल, आम दिनों में ट्रेनों का संचालन सामान्य बना रहने से भीड़ स्टेशन पर दिखाई नहीं पड़ती है।

सर्दी बढऩे से यात्रियों के सफर मुसीबत भरा बनना शुरू हो गया है। रात में ठंड से बचने के लिए रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम, पैसेंजर हॉल, बुकिंग हॉल यात्रियों से भर जाते हैं। इन स्थानों की क्षमता कम होने से सैकड़ों यात्रियों को प्लेटफार्म व रेलवे परिसर में खुले में बैठकर गुजारना पड़ रहा है।

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