जान की बाजी लगाते वेंडर,चलती ट्रेनों में चढक़र यात्रियों को बेच रहे सामग्री
आरपीएफ की समझाइश का भी नहीं असर
ग्वालियर,न.सं.। चलती ट्रेन में चढऩा-उतरना जोखिम से भरा होने के साथ ही अपराध भी है। बावजूद इसके स्टेशन पर इस नियम की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। रोजाना 150 से अधिक ट्रेनों का संचालन होता है। इन सभी ट्रेनों के स्टेशन पर आने-जाने के दौरान चलती ट्रेन में वेंडर चढ़ते और उतरते नजर आते हैं। इससे हादसा होने की आशंका भी बनी रहती है। स्टेशन पर आने-जाने वाली ट्रेनों में वेंडर खानपान की भारी भरकम ट्रे, बाल्टियां लेकर दौड़ते हुए चढ़ते और उतरते हैं। ऐसे में हादसा होने का खतरा बना रहता है। पहले भी कई लोग हादसे का शिकार हो चुके हैं, लेकिन यह वेंडर उनसे सबक नहीं लेते हैं। जरा सी लापरवाही से जान भी जा सकती है। वहीं वेंडरों का कहना है कि यदि जोखिम उठाकर ट्रेनों में चढक़र नहीं बेचेंगे तो गुजारा कैसे होगा। उधर रेलवे चलती ट्रेन से चढऩे उतरने को लेकर लगातार वीडियो डालकर लोगों को जागरूक करती रहती है, जिसमें दर्शाया गया है कि ट्रेन में चढऩा उतरना खतरनाक है, गति अनुमान के हिसाब से ज्यादा होती है, इसीलिए जान जोखिम में न डाले।
हर महीने आरपीएफ करती है कार्यवाही
आरपीएफ द्वारा समय-समय पर वेंडरों व यात्रियों को ट्रेन के स्टेशन पर रुकने के बाद ही चढऩे व उतरने की समझाईश दी जाती है। बावजूद इसके वेंडर चलती ट्रेन में ही चढ़ते-उतरते हैं। इसे लेकर आरपीएफ हर महीने कार्रवाई भी करती है, लेकिन स्टेशन बढ़ती स्टाल व वेंडरों की संख्या के चलते आपसी प्रतिस्पर्धा में वेंडर जान जोखिम में डाल रहे हैं।
इनका कहना है -
आरपीएफ द्वारा लगातार जागरुकता अभियान चलाया जाता है। अगर उसके बाद भी वेंडर नहीं मानते है तो कार्यवाही भी की जाती है।
संजय आर्या
आरपीएफ निरीक्षक