'चंबल एक्सप्रेस-वे' का नाम हुआ 'चंबल प्रोग्रेस-वे'
मंत्रि-परिषद की आभाषी बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णय
भोपाल, विशेष संवाददाता। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में देश की पहली आभाषी बैठक की बैठक हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रियों ने अलग-अलग स्थानों से भागीदारी की ।
मंत्रि-परिषद की बैठक में 'चंबल एक्सप्रेस-वे' का नाम बदलकर 'चंबल प्रोग्रेस-वे' करने निर्णय लिया गया। साथ ही भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत 'चंबल प्रोग्रेस-वे' के निर्माण की स्वीकृति दी गयी। योजना के अन्तर्गत मध्यप्रदेश-राजस्थान सीमा से मुरैना होते हुए भिण्ड जिले तक 309 किलोमीटर की फोरलेन ग्रीन फील्ड सडक़ के निर्माण को अनुमोदन प्रदान किया गया। परियोजना के लिए राज्य सरकार द्वारा नि:शुल्क भूमि उपलब्ध करायी जाएगी। अर्जित की जाने वाली निजी भूमि को यथासंभव शासकीय भूमि से अदला-बदली के माध्यम से किया जाएगा।
21 नई नगर परिषदों को फिर मिला सम्मान
शिवराज मंत्रिमंडल ने उन 21 नगर परिषदों को फिर से नगर परिषद रखे जाने का निर्णय लिया है, जिन्हें कमलनाथ सरकार ने अधिसूचना जारी कर वापस ग्राम पंचायत बना दिया था। इन 21 नगर परिषदों के संबंध में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को निरस्त कर उन्हें यथावत नगर परिषद रखने के प्रस्ताव को कार्योत्तर अनुमोदन मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदान किया।
कोविड के उपचार की व्यवस्था का अनुसमर्थन
मंत्रि-परिषद ने कोविड संक्रमित व्यक्तियों के इलाज की व्यवस्थाओं का अनुसमर्थन किया, जिसमें जन आरोग्य योजना के तहत भारत सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता रखने वाले व्यक्तियों द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में कोविड का इलाज कराने पर निर्धारित पैकेज के मान से आयुष्मान भारत निरामय मध्यप्रदेश द्वारा 40 प्रतिशत व्यय भार राज्य वहन करेगा। इसी प्रकार जन आरोग्य योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पात्रता रखने वाले व्यक्तियों द्वारा मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में कोविड का इलाज कराने पर निर्धारित पैकेज के मान से आयुष्मान भारत निरामय मध्यप्रदेश द्वारा शत-प्रतिशत व्यय भार राज्य वहन करेगा। जो व्यक्ति उपरोक्त दोनों श्रणियों में पात्रता नहीं रखते है उनका शासकीय अस्पतालों, अनुबंधित निजी अस्पतालों में नि:शुल्क इलाज होगा। गैर अनुबंधित अस्पतालों में इलाज स्वयं के व्यय पर करवाया जा सकेगा।
ग्रामीण पथ विक्रेता को भी मिलेगा 10 हजार ऋण
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना को अनुसमर्थन प्रदान किया। योजना के तहत 18 से 55 वर्ष आयु वर्ग के पात्र व्यक्तियों को व्यवसाय के लिए अगस्त माह के पहले सप्ताह से 10 हजार रूपये तक की कार्यशील पूंजी बैंक से ऋण के रूप से उपलब्ध करायी जाएगी। जुलाई 2020 से मार्च 2022 तक लागू होने वाली इस योजना में एक लाख ग्रामीण गरीबों को लाभांवित करने का लक्ष्य है। योजना से लगभग 14 करोड़ रूपये का वार्षिक वित्तीय भार आएगा ।
फसल बीमा के लिए 12.799 करोड़
मंत्रि-परिषद ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को खरीफ 2020-21 से रबी 2020-22 तक लागू किए जाने के प्रस्ताव को कार्योत्तर अनुमोदन प्रदान किया। योजना में तीन वर्ष के प्रीमियम के लिए राज्य सरकार पर 6494 करो? 15 लाख रूपये का वित्तीय भार आएगा। केन्द्र सरकार से योजना में 6305 करो? रूपये प्राप्त होने की संभावना है। इस प्रकार योजना 12ए799 करो? से अधिक की होगी। खुली निविदा के माध्यम से बीमा कंपनी का चयन किया जाएगा ।
कैम्पा निधि में 149.20 लाख का अनुसमर्थन
मंत्रि-परिषद ने कैम्पा निधि के अन्तर्गत वार्षिक प्रबंधन स्कीम के तहत वर्ष 2020-21 के अनुमोदित कार्य योजना के लिए 833 करोड़ 54 लाख तथा वर्ष 2019-20 के अतिरिक्त अनुमोदित कार्य योजना के लिए राशि रूपये 149 करोड़ 14 लाख रूपये के प्रस्ताव का अनुसमर्थन किया। कैम्पा राशि से वन क्षेत्र में विगत वर्षो के कार्यों के रख-रखाव, बफर क्षेत्र में रहवास का विकास, बिगडे वनों को सुधार, नदियों का पुनर्जीवन, जल संरक्षण के कार्य, गांव की सीमा में वन क्षेत्रों में बांस का रोपण, वन्य प्राणी संरक्षित क्षेत्रों में ग्रामों का स्वैच्छिक विस्थापन, क्षतिपूर्ति वृक्षारोपण, नगर वनों की स्थापना तथा अधोसंरचना सुदृढ़ीकरण संबंधी कार्यो की प्राथमिकता निर्धारित की गयी है।