ग्वालियर, न.सं.। ग्वालियर में प्रारंभ से ही मानसून रूठा हुआ नजर आ रहा है। आषाढ़ के बाद सावन भी लगभग सूखा ही गुजर गया। सावन में अब केवल एक दिन शेष बचा है। सावन माह में केवल दस दिन बादल कंजूसी के साथ बरसे और लगभग 135 मिली मीटर बारिश हुई और लोगों को रिमझिम बौछारों से ही तसल्ली करना पड़ी।
ग्वालियर शहर में बीते शनिवार को हल्की बौछार पड़ी थी, जबकि रविवार को आसमान में बादल ही नजर नहीं आए और पूरा दिन सूखा ही गुजर गया। हालांकि शाम को आंशिक बादल नजर आए। मानसून की बेरुखी के चलते शहर में एक जून से अब तक 197.9 मिली मीटर बारिश हुई है, जबकि 31 जुलाई तक 330 मिली मीटर बारिश होना चाहिए थी। इस प्रकार ग्वालियर 142 मिली मीटर बारिश से पिछड़ गया है। मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी में अब तक एक भी कम दबाव का क्षेत्र नहीं बन पाया। इसी वजह से बारिश नहीं हो रही है। अब उम्मीदें अगस्त माह पर टिकी हैं। मौसम विभाग के अनुसार 31 अगस्त तक औसत बारिश का कोटा 619.5 मिली मीटर है। अत: अगस्त माह में लगभग 420 मिली मीटर बारिश होगी, तब औसत बारिश का कोटा पूरा होगा।
भादौं के पहले दिन से अच्छी बारिश की उम्मीद
भादौं के पहले दिन यानी चार अगस्त से अच्छी बारिश की उम्मीद है। स्थानीय मौसम विज्ञानी सी.के. उपाध्याय का कहना है कि हवाएं उत्तर पश्चिमी आ रही हैं, इसलिए स्थानीय प्रभाव से अगले 24 घंटे के दौरान छुटपुट बारिश हो सकती है, लेकिन चार अगस्त से अच्छी बारिश होने की उम्मीद है क्योंकि बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है, जिसका प्रभाव ग्वालियर व चम्बल अंचल में भी नजर आएगा।
पारा पहुंचा 36 डिग्री के पार
रविवार को दिन भर मौसम शुष्क रहने से तेज धूप निकली, जिससे शहरवासियों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा। मौसम विभाग के अनुसार पिछले दिन की अपेक्षा आज अधिकतम तापमान 0.7 डिग्री सेल्सियस आंशिक वृद्धि के साथ 36.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 3.5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस आंशिक गिरावट के साथ 27.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह भी औसत से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आज हवाएं उत्तर पश्चिमी चलीं, जिनकी गति चार से छह किलो मीटर प्रति घंटा रही। आज सुबह हवा में नमी 83 प्रतिशत दर्ज की गई, जो सामान्य से चार प्रतिशत अधिक है, जबकि शाम को हवा में नमी 61 प्रतिशत दर्ज की गई, जो सामान्य से दस प्रतिशत कम है।