सावन में भी नहीं लग रही बारिश झड़ी, दिन भर तरसाने के बाद शाम को बूंदाबांदी कर थम गए मेघ

Update: 2020-07-22 01:00 GMT

ग्वालियर, न.सं.। आषाढ़ माह लगभग सूखा ही गुजर गया। सावन माह में भी अब 13 दिन ही शेष बचे हैं, लेकिन इस बार मानसूनी मौसम के गुजरे डेढ़ माह में लगातार बारिश की झड़ी एक बार भी देखने को नहीं मिली है। ऐसे में उमस भरी गर्मी का सामना कर रहे शहरवासियों की निगाहें आसमान की ओर टिकी हुई हैं। हालांकि मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान बारिश की उम्मीद जताई है।

बीते सोमवार को शहर में हुई लगभग 40 मिली मीटर बारिश के बाद मंगलवार को भी दिन भर बादल छाए रहे। बीच-बीच में बादल बिखने पर धूप भी निकली, जिससे उमस परेशान करती रही। शाम करीब चार बजे के बाद बादलों का घनत्व बढऩे के साथ ही पूरे आसमान पर घने काले बादलों का कब्जा हो गया। शाम करीब पांच बजे से बूंदाबांदी शुरू हो गई, लेकिन बूंदों ने गति नहीं पकड़ी और लगभग 10 मिनट चली बूंदाबांदी के बाद बादल थम गए।

स्थानीय मौसम विज्ञानी सी.के. उपाध्याय का कहना है कि उत्तर भारत में अभी मानसूनी द्रोणिका बनी हुई है, इसलिए अगले दो दिनों तक अंचल में कहीं हल्की तो कहीं मध्यम गति से बारिश होने की उम्मीद की जा सकती है। स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार पिछले दिन की तुलना में मंगलवार को अधिकतम तापमान 1.6 डिग्री सेल्सियस बढ़कर 35.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो औसत से 2.5 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि न्यूनतम तापमान 0.2 डिग्री सेल्सियस आंशिक वृद्धि के साथ 24.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आज दिन भर दक्षिण पश्चिमी हवाएं चलती रहीं, जिनकी गति 8 से 12 किलो मीटर प्रति घंटा रही। आज सुबह हवा में नमी 82 प्रतिशत दर्ज की गई, जो सामान्य से मात्र एक प्रतिशत अधिक है, जबकि शाम को हवा में नमी 78 प्रतिशत दर्ज की गई। यह भी सामान्य से छह प्रतिशत अधिक है।

इसलिए नहीं लग रही बारिश की झड़ी

मौसम विभाग के अनुसार इस बार के मानसूनी मौसम में अभी तक अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में एक भी कम दबाव का क्षेत्र नहीं बना है। इस वजह से तेज और लगातार बारिश की स्थिति नहीं बनी पा रही है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि 24 से 25 जुलाई के आसपास बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती हवाओं का घेरा बनने की उम्मीद है। यदि यह चक्रवात कम दबाव के क्षेत्र में बदलकर आगे बढ़ा तो ग्वालियर-चम्बल सहित पूरे मध्यप्रदेश में अच्छी बारिश की उम्मीद की जा सकती है।  

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