ग्वालियर/वेब डेस्क। प्रदेश में उपचुनावों की सुगबुगाहट के साथ ही राजनीतिक हलचल बढ़ी हुई है। मार्च के महीना प्रदेश की राजनीति में अहम बदलाव लेकर आया। कभी कांग्रेसियों के चहेते रहें ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भाजपा में है। प्रदेश में मार्च माह में हुए सियासी फेरबदल ने राजनीति और उसके जानकारों के सारे समीकरण बदल कर रख दिए थे। राजनीतिक विश्लेषकों को प्रदेश की भावी राजनीति का अनुमान लगाने के लिए इस घटना ने पुनः सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।
बता दें की साल 2018 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाकर कमलनाथ को सीएम पद की कुर्सी पर बैठाने वाले जननेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 10 मार्च 2020 को कांग्रेस से सभी रिश्तें तोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। सिंधिया जी के साथ उनके समर्थक 22 विधायक भी बीजेपी में शामिल हुए। इस राजनीतिक बदलाव के बाद से सिंधिया समर्थक अपने नेता ज्योतिरादित्य का ग्वालियर अंचल में आगमन का काफी लंबे समय से ही इंतजार कर रहे हैं।
राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद दिया ये संदेश
इसके बाद कोरोना संकट के कारण लागू हुए देशव्यापी लॉकडाउन के कारण ज्योतिरादित्य पिछले तीन महीने से दिल्ली स्थित अपने आवास पर ही रहकर इस दौरान वह वीडियो संदेश और दूरसंचार के माध्यम से वह ग्वालियर और प्रदेश की जनता के संपर्क में बनें रहे। उन्होने दिल्ली में रहते हुए लॉकडाउन के दौरान लोगों की मदद भी की। राजयसभा चुनावों के समय एक बार फिर सिंधिया के प्रदेश और ग्वालियर आगमन की उम्मीद बंधी थी। कोरोना महामारी की चपेट में आने के बाद क्वारंटाइन होने कारण वह नहीं आ पाये। हालांकि राज्यसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने जनता और वोट देने वाले विधायकों के नाम संदेश जरूर जारी किया था। अब देखना यह है की क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री बनने के बाद ही ग्वालियर आते है या उससे पहले, लेकिन आमजन में चर्चा है की सिंधिया तो अब केंद्रीय मंत्री बनने के बाद ही ग्वालियर आयेंगे ।