ग्वालियर, न.सं.। निर्जला एकादशी आज मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन लोग बिना जल के 24 घण्टे तक उपवास करेंगे। ज्योतिषाचार्य हुकुमचंद जैन ने बताया कि एक अकेली निर्जला एकादशी का उपवास करने से हमें वर्ष की 23 एकादशी का उपवास नहीं रखना पड़ता है। इस एक एकादशी से 23 एकादशी का फल प्राप्त होता है। इसके साथ ही परिवार में संपन्नता आती है। निर्जला एकादशी को महिला और पुरुष दोनों ही रख सकते हैं। इस दिन भगवान की पूजा-पाठ करना विशेष लाभकारी होता है।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस उपवास को करने से मनुष्य का शरीर स्वस्थ्य रहता है। इस दिन किया हुआ दान पुण्य हमारे जीवन में सर्वाधिक महत्व प्रदान करता है। इस दिन शीतल जल, शर्बत, सुराही, फल एवं पंखा गरीबों और ब्राह्मणों को दान करना चाहिए। निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। निर्जला एकादशी का सबसे पहले भीमसेन ने व्रत रखा था।
वहीं गंगा दशहरा हस्त नक्षत्र में सोमवार एक जून को मनाया गया। इस दिन लोग मंदिर पहुँचे और बाहर से ही भगवान के दर्शन किए। इसी के साथ शीतल जल, पंखा, फल, मिट्टी का बर्तन एवं सत्तू का दान किया गया।
गायत्री परिवार ने कूलर एवं सत्तू का वितरण किया-
आज गायत्री जयंती के उपलक्ष्य में गायत्री शक्ति पीठ तानसेन नगर द्वारा मुरार सरकारी अस्पताल में कूलर और 250 सत्तू के पैकेट वितरित किए। इस मौके पर डॉ. बी.के .शर्मा, डॉ. आलोक पुरोहित, डॉ. प्रदीप गुप्ता, डॉ संजय गुप्ता एवं अशोक गर्ग आदि उपस्थित थे।