यमुनोत्री हादसा : पन्ना के 10 गांवों में पसरा मातम, नम आंखों से किया जा रहा अंतिम संस्कार
पन्ना। जिले के 10 गांवों में मातम है। देहरादून से पन्ना जिले के 25 तीर्थयात्रियों के शव लेकर रवाना हुआ वायुसेना का विशेष विमान सोमवार देरशाम खजुराहो पहुंचा। यहां से जिला प्रशासन ने 18 एंबुलेंस की मदद से सभी शव उनके गृहग्राम भिजवाए गए। मंगलवार को इन गांवों में सभी का अंतिम संस्कार किया जा रहा है। ग्रामीण उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दे रहे हैं।
सागर रेंज के आईजी अनुराग और संभागायुक्त मुकेश शुक्ला मंगलवार सुबह पीड़ित परिवारों से मिलने पवई विकासखंड के अंतर्गत बुद्ध सिंह साटा गांव पहुंचे। संभागायुक्त जब पीड़ित परिवार को सांत्वना दे रहे थे, तभी माता-पिता को खो चुकी एक महिला जोर-जोर से रोते हुए उनके पास पहुंची और कहने लगी कि मेरे मम्मी-पापा को बुला दो, प्लीज। यह सुनकर वहां खड़े सभी लोगों की आंखें भर आईं। इस पर कमिश्नर और आईजी ने ढांढस बंधाते हुए उसे काफी समझाया कि शासन-प्रशासन उसके साथ है।
सबसे ज्यादा मृतक बुद्ध सिंह साटा गांव के -
मृतकों में सबसे ज्यादा आठ तीर्थ यात्री बुद्ध सिंह साटा गांव के हैं। इसके अलावा मोहेंद्रा से छह और पवई क्षेत्र से चार तीर्थ यात्रियों की मौत हुई है। सिमरिया, कोनी व पंडवन से दो-दो तीर्थ यात्रियों व ककरहटा से एक तीर्थ यात्री की जान गई है।जिले के गांव बुद्ध सिंह साटा, सिमरिया, पंडवन, मोहेंद्रा, पवई, कुंवरपुर, कोनी, ककरहटा व चिखला और छतरपुर जिले के गांव बिजावर में जब सोमवार देररात शव पहुंचे तो परिजन बिलख पड़े। परिवारों को सांत्वना देने पहुंचे लोगों की आंखें भी नम हो गईं।