1 जून को है गंगा दशहरा, घर में इस तरह गंगा स्नान कर लें पुण्य

Update: 2020-05-30 10:46 GMT

स्वदेश वेबडेस्क। सनातन धर्म में गंगा दशहरा का व‍िशेष महत्‍व है। यह पर्व ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है।  इस बार यह पर्व 1 जून को मनाया जाएगा।  मान्यता है की इस दिन गंगा स्वर्ग छोड़ धरती पर आई थी। देवी गंगा के धरती पर अवतरण दिवस को ही गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा नदी में स्नान करना एवं पूजन करना अत्‍यंत पुण्‍यकारी माना जाता है।  ज्योतषियों के अनुसार इस साल गंगा पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 37 मिनट तक है। इस दौरान आप स्नान-ध्यान और दान कर सकते हैं। 

धार्मिक महत्व - 

धर्म शास्त्रों के अनुसार जिस दिन गंगा धरती पर आई उस दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथी और वार बुधवार था, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर योग, आनंद योग, कन्या राशि में चंद्रमा और वृषभ में सूर्य। इस प्रकार दस शुभ योग उस दिन बन रहे थे। माना जाता है कि इन सभी दस शुभ योगों के प्रभाव से गंगा दशहरा के पर्व में जो भी व्यक्ति गंगा में स्नान करता है उसके ये दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन के पुण्य से काम, क्रोध, लोभ, मोह, मत्सर, ईर्ष्या, ब्रह्महत्या, छल, कपट, परनिंदा जैसे पापों से मुक्त हो जाता है। इस दिन सत्तू, पंखा, मटका दान करने से दोगुना फल प्राप्त होता है।  

कोरोना के चलते घर में करे गंगा स्नान-

गंगा दशहरा के दिन गंगा नदी में स्नान करने देश भर से लोग कानपुर, बनारस, गया, इलाहबाद आदि स्थानों पर जाकर गंगा स्नान और पूजन करते है।गंगा दशहरा के दिन दशाश्वमेध घाट वाराणसी और हर की पौरी हरिद्वार की गंगा आरती विश्व प्रसिद्ध है। लेकिन इस साल कोरोना महामारी के कारण श्रद्धालु गंगा घाटों पर जाकर गंगा स्नान नहीं कर पाएंगे। जो श्रद्धालु गंगा स्नान करने की चाह रखते है वह घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर गंगा स्नान का पुण्य लें सकते है।स्नान के बाद सूर्य एवं मां गंगा को अर्घ्य दे एवं गंगा मन्त्र "ऊं श्री गंगे नमः" का जाप करें। इस दिन श्रद्धालु कई स्थानों पर शर्बत, लस्सी, सत्तू, शिकंजी आदि का वितरण करते है।  


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