स्वदेश वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जब भी किसी एक महीने में दो से अधीन ग्रहण होते है तो वह महीना अनिष्टकारी होता है। इस साल भी अगले महीने जून की 5 तारीख से 5 जुलाई के बीच तीन ग्रहण लगने जा रहे हैं। 5 जून से 5 जुलाई 2020 के बीच मे तीन ग्रहण होने वाले है। जिसमें से दो चंद्र ग्रहण और एक सूर्य ग्रहण पड़ेंगे। जिसमें से दो भारत में नजर आएंगे।
एक महीने के अंदर लगने वाले इन तीन ग्रहणों में से पहला ग्रहण चंद्र ग्रहण होगा। 5 जून को पहला चंद्र ग्रहण पड़ेगा। यह ग्रहण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और भारत में दिखाई देगा। इस ग्रहण का शुभारम्भ रात 11:15 मिनिट पर शुरू होगा। इसकी समाप्ति 6 जून को सुबह 2:34 होगी। इस ग्रहण के समय शुक्र वक्री होकर और अस्त रहेगा, गुरु एवं शनि भी इस दिन वक्री रहेंगे, चंद्र ग्रहण के समय तीन ग्रहों के वक्री होने से भारत की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है। शेयर बाजार से जुड़े लोगों को सावधान में रहने की जरुरत है। ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की अचानक से मौत हो सकती है। यह ग्रहण वृश्चिक राशि पर सर्वाधिक बुरा प्रभाव डालेगा। वृश्चिक राशिवालों की परिवार वालों से वाद विवाद का सामना करना पड़ सकता है।
इसके बाद 21 जून को कंकणाकृति सूर्य ग्रहण होगा। ग्रहण का स्पर्श सुबह 10.14 मिनट पर, ग्रहण का मध्य 11.56 मिनट पर और ग्रहण का मोक्ष 1.38 मिनट पर होगा। ग्रहण का सूतक काल 20 जून की रात 10.14 मिनट से आरंभ हो जाएगा। सूतक जो 21 जून की दोपहर 1.38 तक रहेगा। इस वर्ष का यह एक मात्र ग्रहण होगा जो भारत में दिखेगा।
इस दिन एक साथ छह ग्रह बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, केतु वक्री रहेंगे। यह छह ग्रह 21 जून 2020 को वक्री रहेंगे। इन छह ग्रह का वक्री होना यानी एक बहोत बड़ा तहलका मचाने वाला है। इन ग्रहों के वक्री होने से ग्रहण का असर मानव सभ्यता, पर्यावरण संबंधित बड़ी क्षति होने की आशंका बन रही है यह ग्रहण 12 मिनिट तक भारत, बंगलादेश, भूटान, श्रीलंका के कुछ शहरों में दिखाई देगा। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार यदि एक महीने में दो या दो से अधिक ग्रहण पड़ जाए तो शासन को कष्ट हो सकता है। साथ ही सेना में विद्रोह एवं आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिषियों के अनुसार इन ग्रहण से मिथुन राशि के जातकों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा। इस माह में पड़ने वाला आखरी ग्रहण 5 जुलाई को पड़ेगा।